पहले मुझे रामायण सुनने की इच्छा नहीं थी परंतु एक बार जब आपको सुनना शुरू किया तो फिर अपने आप को रोक ही नहीं पा रहा हूं प्रतिदिन आपके वीडियो का प्रतीक्षा रहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार भगवान राम एवं माता सीता सदैव आप पर अपनी कृपाबनाए रखें
संदीप जी , नमस्कार। आप से कथा सुनकर बहुत नवीनतम जानकारी मिली।मैं बचपन से रामलीला में मंचन करते आया हूं। गांव में रामलीला होती थी। लेकिन, वाल्मीकि रामायण से बहुत नवीनतम जानकारी मिली। धन्यवाद।
सर आप कार्तिक मास मे रामायण पाठ सुनाके हम जैसो पर बहुत उपकार कर रहे है। मैने प्रथम अध्याय पढ़ा है। इसलिए जानता हु कार्तिक मास मे रामायण पाठ कराना और सुनना कितना ज़रूरी है। जो भी सवाल पुछ रहे है वह भी अगर यह कथा सुनेंगे तो उनका भी कल्याण होगा। बाकी पूजनीय श्री महाबली रामभक्त हनुमान जी कि कृपा और प्रेरणा से आप का यह पाठ बहुत बढ़िया लग रहा है। मै तो उस दिन का प्रतीक्षा कर रहा हु जब आप सुंदरकांड शुरु करेंगे। आपके व्याख्या कि प्रतीक्षा रहेगा।
We should try that Valmiki Ramayan ghar ghar pahunche. Just like Vishnusehestranaam. Sandeep ji, you can do it. Before becoming an ISDian, I did not know about vishnusehestrnaam and in my mind, I am not someone who can easily be convinced. So once again, you can do it.
हमारे गांव (निमाड़, मध्य प्रदेश) में आज भी विजया दशमी के दिन शाम के समय अस्त्रों की पूजा और नींबू तथा सफेद कद्दू को घर के चौखट पर काटकर उसकी बलि दी जाती है। मैं स्वयं इसका साक्षी हूं।
आपने यह जो प्रकृति विस्तार का जो शास्त्रों से वर्णन किया है उन्हें आज की भाषा में कौन से नाम दिए जा सकते हैं कृपया वह भी बताएं, यह कौन सी प्रक्रिया कहीं जाए वह भी बताएं
सातवीं और आठवीं सदी ईस्वी में मक्का का कोई इतिहास नहीं मिलता है तो फिर हिंदू क्यों कहते हैं कि वहां पर मक्केश्वर महादेव है?? दूसरी रही बात मूर्ति पूजा की तो वहां पर 365 मूर्तियां थी, और वहां पर बलि प्रथा पहले भी थी और आज भी है, लेकिन महादेव के तीर्थ स्थान पर ऐसा नहीं होता है
इस चारों तरफ फैले घोर अंधकार में आप अकेले कैसे और कितने लोगों तक प्रकाश पहुंचा पायेंगे। अच्छा होता अपने जैसे और लोगों को प्रेरित करते और इस तरह का ज्ञान अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाते। हिंदू समाज अनेक कारणों से भ्रमित है।
तेत्तीस देवता होना या ३३००००००० होने में क्या फर्क पडता है । एक से ज्यादा होना काफी है । "वे लोग उपहास करने लगे" से डर कर देवताका संख्या घटाना जरुरी है ? यह बेकारकी बात है । तेत्तीस प्रकारके कहने से तो संख्या और भी अनिश्चित हुआ । देवता वास्तव में असीमित संख्या में हैँ । करोडौँ तो रुद्र ही हैँ । कहाँ ३३ कह रहे हो ?
भारत से बाहर तो कोई गया नहीं ।अमरीका आस्ट्रेलिया में कोई हिंदू देवता नहीं मिलता दूसरे आपके यहां भी बहु विवाह मिलता है आप खुद बता रहे है ।क्या पृथ्वी सिर्फ भारत को कहते है
आपके तुर्की से लेकर मिश्र, सीरिया, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, सभी जगह भारत के न केवल अवशेष मिले, बल्कि मंदिर और मूर्तियां भी मिली। तुर्की में 1960 खुदाई के दौरान एक बड़ी मंदिर मिली। सवाल है आप अपने इस्लाम के अलावा कुछ और पढ़ना चाहेंगे तब न आपको सच्चाई पता चलेगी?
@@SandeepDeoकोई अवशेष मिलते है तो हम हमारी। मीडिया अपना बता देती है ।उनकी सभ्यता पुरानी है । मिस्र ईरानी सीरियन सभ्यता का अपना महत्व है ।हम भारतीय तो सिंधु घाटी सभ्यता को नही जानते थे अंग्रेजो ने बताया । मिश्र के पिरामिड और चीन की दीवाल जेरूशलम का इतिहास उनका जमीन के ऊपर नीचे दिखता है । दूसरे हमारे ग्रंथों में लिखा है समुद्र पार करना पाप था ।तो यह अवशेष कैसे पहुंच गए
@@SandeepDeo मंदिर नहीं अंग्रेजी में टेपल कहते है उसका ढांचा मिला है ।खुद मक्का में 360मूर्तियां थी तो क्या वह हिंदू मूर्तियां थी ।अवशेष सिर्फ बुद्धिस्ट के मिलते है ।