कुछ ही दिन हुए हैं कान्हा और राधा जी की भक्ती करते हुए सुरु मे मुझे बहुत दुःख आने लगे जीवन मे हमेसा रोती रहती थी और कान्हा से कहती थी मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं जबकि मैं तो किसी के साथ गलत नही करती रोज़ कान्हा के सामने जाकर रोती थी फ़िर कान्हा ने ऐसा जादू किया की हर पल मन बेचैन हैं सिर्फ बृंदावन जाकर कान्हा से मिलने के लिए दुःख अभी भी हैं जीवन मे लेकिन मैं कान्हा से कुछ मगती नही बस जी हर पल कान्हा को सोचकर आंखो से अंशू निकलते हैं जीवन मे इतना दर्द मिलने के बाद v ab मैं पहले से ज्यादा खुश हूं संभल रही हु जो रिश्ते धोखे दिए ओ v आज संभल रहे हैं आगे न जाने क्या होगा प्यार मिलेगा या नहीं पर अब इतना पता हैं मेरे ठाकुर जी का प्रेम मुझे मिल गया हैं जय हो कान्हा ❤❤❤❤❤❤
मेरे साथ मेरे माधव हर पल रहते हैं मेरे जिंदगी में इतने दुखी हैं कि मुझे पहले जीने की ईच्छा नहीं थी लेकिन अब इतना सोचकर जीते हैं कि हर क्षण माधव मेरे साथ ही है और वो देख रहे हैं कि मुझे जिंदगी मैं इतनी कष्ट मिल रहे हैं