ॐः नमः शिवाॅय आदरणीय श्री अमिताभ अग्निहोत्री जी हम एक लाख बहत्तर हजार शिक्षामित्रो एवंम उनके असहाय परिवारजनों की ओर से आपको को और आपकी पुरी टीम को कोटी कोटी प्रणाम करते हैं
अमिताभ अग्निहोत्री जी आप ने हर बार शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने के लिए अपने चेनल के माध्यम से आवाज उठाई इसके लिए हमारा शिक्षामित्र परिवार आजीवन आपका आभारी रहेगा।
सरकार अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती है अगर सरकार की इच्छा नहीं हो तो कुछ भी नहीं करेगी 38878 रुपया जो फंक्शन हुआ है 124000 शिक्षामित्रों को वोट देने की कृपा करें
अमिताभ जी ,,आप लिख लो, बीजेपी का इतिहास है कि रोजगार के मामले मैं ये कभी भी सबेदनशील नहीँ रहे,,,,, संविदा इन्ही की ही देन है, ये मज़बूरी का फायदा उठाना बहुत अच्छे से जानते हैं। स्टेशन,शहर ,रोड का नाम बदलने के लिए, बाबरी ढांचा गिराने के लिए कौन सा आदेश कोर्ट से लागू हुआ।
सर जी कोई शिक्षामित्र जिसकी उम्र 50 वर्ष है वह अपने बच्चे को पढ़ाएंगे या खुद पढ़ाई करें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टीईटी पास शिक्षामित्रों को आप सहायक अध्यापक बनाओ पर इस सरकार ने अलग से लिखित परीक्षा लागू कर दी। क्या इस उम्र में यह अलग से इस परीक्षा को दे सकते हैं? 68500 शिक्षक भर्ती मैं हमारे कुछ शिक्षा मित्र साथी हैं जो अपने पुत्र या पुत्री के साथ परीक्षा दे रहे हैं यह कहां का न्याय है कि एक 50 साल के शिक्षामित्र को 25 साल के कैंडिडेट के साथ परीक्षा देनी पड़ेl इस भर्ती में 2 तरीके के अभ्यर्थी हैं कहलावे व्यक्ति जिसके पास पूरे परिवार की जिम्मेदारी है उसके भरण-पोषण की दूसरा वह व्यक्ति जो कि बिल्कुल फ्री माइंड है अब आप ही अंदाजा लगाइए जीत किसकी होगीl
शिक्षा मित्रों को न्याय दो..... अगर योगी जी और मोदी जी को कहा जाए TET जैसी परीक्षा पास करे तभी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो क्या वो तैयार होंगे??
हम लोगो मे भी आइ एस पी सी यस बनने की योग्यता रखते है।लेकिन हमारी जवानी लौटा दो।जो हम अठ्ठारह वर्स के बच्चो को पढाई गयी उनकी शिळा भी अयोग्य है तो क्या ओ नौकरी नही कर सकते।उनका भी जीवन तुमने बर्वाद कर दिया।कहा न्याय कर रहे हो।चुनाव मे हम दिखायेगे कि कौन योग्य है और कौन अयोग्य है दिखायेगे हम।
भाजपा के इस परतीनिध से जरा पुछे आप लोग पांच साल पेंशन क्यों लेते हैं क्या इस भाजपा प्रतिनिधि को अपने मुंह से यह शोभा दे रहा है पैसा कहां से आयेगा शर्म से झुक गया हमारे सहयोगी टीवी ऐसा बेतुकापन अच्छा नहीं
sir namaskar मेरा नाम विजय है मैं मेरठ से हूं मेरा नाम विजय है मैं मेरठ से हूं मैं आपसे यह पूछना चाहता हूं कि जब शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश पर उनका समायोजन रत्नेश कर दिया गया है तो सुप्रीम कोर्ट ने यह भी तो कहा है कि समान काम समान वेतन लागू करो वह भी तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है वह क्यों लागू नहीं होता
सरकार सब कुछ कर सकती है । पुरण बहुमत कि सरकार है।sc st एक्ट पर तत्काल अध्यादेश ।शिक्षा मित्रो पर अध्यादेश क्यो नही । कोर्ट अंधा है 18 साल को देखना चाहिए
शिक्षा मित्रों का केवल इतना दोष है कि सपा सरकार ने समायोजन किया था। जिसको योगी बाबा बीजेपी सरकार को हजम नहीं हुआ। माननीय सुप्रीम कोर्ट के जजों पर राजनीतिक दवाब बनाकर शिक्षा मित्रों का समायोजन निरस्त करा दिया। माननीय सुप्रीम कोर्ट भी सर बीजेपी के दवाब में काम कर रहा है।
हमे कुछ नही चाहीये कोइ पद नही चाहीये।हमारा पद का गरीमा नही चाहीये।हम शिळामित्र पद पर रख कर हमारी वेतन मान कितना मिलता था बस वही लागू कर दे।अर्तास हजार आठ सौ अठ्ठहत्तर दे दो ।पद कुछ भी हो।
हम मानते है पिछली सरकारो के कारण आज शिक्षा मित्र इस हालत पर पहुंचे है और 600 लोगों की मौते हुयी है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर समायोजन रद्द होने पर सब सही है मामला था टी टी का पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लिखित परीक्षा का नही था पिछली सरकार के कारण100 शिक्षा मित्रों की मौत हुयी थी इस सरकार मे 500 हो चुकी हैं और कितने मरेंगे भगवान जानते है और वर्तमान सरकार मेरा सरकार से निवेदन है की टीटी पास शिक्षा मित्रों को बहाल करे और बचे हुये शिक्षा मित्रों से टी टी करवाया जाये तब तक समान कार्य का समान वेतन दिया जाये पिछली सरकार का बहाना मत करे जो गलती उन्होंने किया है आप भी वही गलती कर रहे है योगी जी आप सन्त हैं सन्त दयालु होते हैं पता नही आप के ऊपर किसका दबाव है मुझे पूरा विश्वास है आप बच्चे हुये शिक्षा मित्रों का भला बहुत ही जल्द करेंगे सब का साथसब का विकाश जय भाजपा तय भाजपा लक्ष्य 2019 धन्यवाद अभिताभ अग्निहोत्री जी आप जो हमेशा शिक्षा मित्रों के न्याय दिलाने के लिए महाबहस करते है धन्यवाद इस चैनल को जो समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवाज ऊठाते है सरकार तक हमारी बात रखते है आम नागरिक मनोज कुमार मो ० 8953281430 जिला चित्रकूट उ ० प्र०
Agnihotri sir after hearing about supreme court that their judgement is effective and not bring ordinance against SC verdict given but SC is fourth pillar in our democracy and there is provision of constitutional amendment which is out of judicial review .Same govt is in center and state both can pass unanimously poignant matter which comes in obstacles against shiksha mitra .Another matter is that shiksha mitra is above forty years and they have family to care and sisters to marriage they earn social position toiling hard 17 years and TET is formulated in 2011 why govt produce another hurdle why he not give relaxation beacause of age and responsibility of family .IN this perspective an IAS officer said about in your channel something have to do in favor for shisha mitra beacause it is burning issue and first priority of govt to do something .Govt is changing education pattern bringing HECI and other but they silent on such crucial matter what irony .Some points I want to conclude 124000 para teacher the order is given by HC should implement it immediately and rest shiksha mitra give salary equal to rest shiksha mitra and giving four years extra to pass TET which other states incorporated and give relief permanently .The optimist intention is needed achi niyat to help shisha mita which have given precious time to education .Bear soft heart and think welfare of shiksha mitra .Agnihotri sir points is not needed like 123 life is needed of shiksha mitra ,intention is needed thanku you
माना कि पिछली सरकार ने सभी नियमो जिसमे ऐन सी टी ई ,टेट आदि आ रहे हैं उनको दरकिनार करते हुए शिक्षामित्रों को समायोजित किया किन्तु न्यायालय ने इसे गलत मानते हुए सम्पूर्ण समायोजन को रद्द किया,इसमे न्यायालय की गलती नही परंतु मानवीय आधार पर राज्य सरकार केंद्र सरकार से ऐन की टी ई व टेट नियमो में परिवर्तन करने को कह सकती हैं, यहाँ कोई बहाना नही,,क्योंकि केंद्र में भी वही पार्टी है जो राज्य में,,,,और चूंकि ऐन की टी ई केंद्र के अधीन है तो उसे इसमे परिवर्तन करने का अधिकार है,,, वह इसमे अपवाद जैसे शब्दो का प्रयोग करके शिक्षामित्रों को बचा सकती हैं,,, न्यायिक अवमानना से बचते हुए भी सरकार बहुत रास्ते निकाल सकती हैं,,,, सचिव स्तर के लोग कब काम आएंगे आखिरकार,,,टेट 2011 में कपिल सिब्बल लाये,,,इस टेट के नियमो में बदलाव करना पूर्ण बहुमत की सरकार में कोई बड़ा काम नही है,,, जिन नियमो में बंधकर न्यायायलय निर्णय देता हैं, उन नियमो को बदल दिया जाए तो न्यायायल का नियम भी बदल सकता है क्योंकि न्यायायल को न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार जो हैं,,,, सरकार की अगर मंशा हैं तो केंद्र से पहले बदलाव कराए फिर उच्चतम न्यायायलय में शिक्षामित्रों के पक्ष में याचिका डाले,,, निर्णय 100 परसेंट बदल देगा न्यायालय क्योकि अब वह जिन ऐन सी टी ई को निर्णय का आधार बनाएगा,,,वह कुछ नियमो को परिवर्तित कर चुकि होंगी,,,,इस तरह शिक्षामित्र पहले की तरह सहायक अध्यापक बन चुके होंगे
योगी जी हम अपना हक मांगने पाकिस्तान के पास जाये ।हमअपने हाथो मे तलवार लेकर पहले अपने भारत से ही सुरुवात करते है।जब हमारा भारत मे समस्या का समाधान नही निकालते तो हम क्या करे।अपने जिनदगी से तंग आ गये है।
Sm ko nyay milna chahiye...or mil bhi raha unme jitna talented h..usk according unhe pay bhi mil rhi h...jo super tet qualify kar leta h uski payment bhi increase ho rhi h..har har yogi
Namskaar sir please kabhi samvida karmiyo ke vaare me bhi sarkar ki kiyaa mansha he svasth vibhaag va anye vibhaag me bura hal he 7 se 10 saal ho gai. Niyaamit nahi kiya
Aditar mahoday yh batayenge k jab 25/7 ko order ho chuka us samay media samjh nahi pa rahi thi k hua kya. Ratri 10 baje taq order sichha mitron k pacha may tha subah kya hua
Sarkar ka koi sahyog nahi hai debate uddes se hatkar Kar rahe hai court ka order sarvopari lakin court ne nahi kaha that ki super tet lao yaha shalabh ki sonch galat hay