होली के रसिया की जय
Nathdwara Shrinathji Temple Hori ke Rasiya-
Chanchal Chapal Chatur Chandravali Chale Chatak Matak Ki Chal
स्वर -नारायण जी गुर्जर एवं ग्वाल बाल रसिया मंडली नाथद्वारा
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Lyrics-
चंचल चपल चतुर चंन्द्रव
चाले चटक मटक की चाल।
चंन्द्रावली दधि बेचन चली जी,
घेरी गैल छैल वनमालीजी,
दान दधि जोबन देयो चुकाय,
देहडी को नेक दहीं दै खवाय,
कह्यो चंन्द्रावली मुसकाय।।
दोहा: जो कान्हा पल्ले परो
लाओ पतौआ तोर ।
छोड़ मनसूखा को गये
मोहन माखनचोर।।
चंद्रावली गयी सटक
मारा मनसुख के गुलचा गाल।। चंचल....
पत्ता तोर श्याम जब आयेरी।
मनसुखलाल रोवते पायेरी।
न देखी चंद्रावली व्रजनार।
करन लागे मनमें सोच विचार।
खिरक में जाय सोये मनमार।।
दोहा: ढूंढत ढूंढत डोलती
घर घर जसुमती आय
मेरा कान्हा कित गयो
कोई दियो बताय"
कहे मनसुखलाल खिरक में सोये
सोये रहे नंदलाल।। चंचल....
हेरत मात श्याम नाहीं बोलेजी
क्यों लाला तु पर्यो रे खटोले
कि तोकु कीने दीनी गार
कि तो कु आवत ताप बुखार।।
बताओ मेंरे प्राण आधार। चंचल........
24 сен 2024