दादा नमस्कार आज मैं इतना प्रफुल्लित हुआ कि कहना नहीं। जब मैं उस रेलवे पुल को देखा तो भाव बिहबल हो गया। मुझे सारी चिज भकभका कर याद आने लगा जब बिजय जी के साथ कई बार बाबा के साथ बाघ कबॅ पर जाने का मौका मिला था। यह बात 1964 की है। कितना प्यार ,कितना आनंद बयां नहीं कर सकता। आप को बार-बार नमस्कार।
नमस्कार🙏🙏 दादा बहुत अच्छा लगा बाबा नगर और बाबा के जीवन पर आप ने रोशनी डाली। मैं जब 2016 में बाबा नगर अपनी फैमिली के साथ आई थी। बहुत मजा आया था। फिर से वही यादें ताजा हो गई। आप का बहुत बहुत धन्यवाद बाबा नाम केवलम् 🙏🙏
দাদা আপনার এই ভিডিও চিত্র দেখে খুব আনন্দ লাভ করলুম। মনে হলো এতক্ষণ বাবা র সাথে সাথে ছিলাম। জামালপুরের অনেক গল্প শুনছিলাম ৪৫ বছর ধরে। কিন্তু আজ সরাসরি দেখে এত আনন্দ পাইলাম যে তা ভাষায় প্রকাশ করতে পারব না।জয় বাবা।❤❤❤❤❤❤ Many many thanks 🙏🙏 Tripura.