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"सफेद गुड़" || a story by सर्वेश्वर दयाल सक्सेना |स्वर - आशा रघुदेव
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना --
जन्म - 15 सितम्बर 1927, बस्ती, उत्तर प्रदेश
अवसान- 24 सितम्बर 1983,नई दिल्ली
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ युवा पीढ़ी के लिए समाज का दर्पण हैं|उनकी लेखन की शैली आम बोलचाल की भाषा है |
"दिनमान" पत्रिका के उप संपादक तथा बाल पत्रिका "पराग" के संपादक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने बाल साहित्य को हमेशा प्रोत्साहित करने काम किया |क्योंकि वो मानते थे कि जस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है उसका भविष्य उज्जवल नहीं हो सकता | समादृत कवि , लेखक , कहानीकार, नाटककार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की लेखनी हिन्दी साहित्य की हर विद्या पर चली है|
रचनाएँ -काव्य संग्रह - "खूटियों पर टंगे लोग" 1982
काव्य संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
काठ की घंटियाँ -1959
बांस का पुल 1963
कोई मेरे साथ चले
तीसरा सप्तक 1959 इत्यादि |
कथा साहित्य -
पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास) 1977
सोया हुआ जल (लघु उपन्यास) 1977
अंधेरे पर अंधेरा 1980 इत्यादि |
बाल कविता -
बतूता का जूता 1971
महंगू की टाई 1974
अनेक रचनाओं का भारतीय तथा यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ |
सहयोगी - हर्षित राज
10 май 2024