मानने वाले आस्तिक होते हैं और जानने के बाद मानने वाले वास्तविक होते हैं । नास्तिक होना एक समझदार और मजबूत विचार के लोग ही हो सकते हैं। जय भीम जय संविधान ।
Superb. R. L. Baudh ji, u are saying absolutely right because it is the real truthness of our God and goddess. Sir your method of explaining is very important and commendable and knowledgeable for our bahujan society. We whole heartedly salute and welcome to your ideology and knowledge. Be educated and make leaned to your children for their development and success because education is paramount in this world. Thank you very much for sharing this video with us. Jai bheem jai bharat jai samvidhan namo budhay.
आप का स्रष्टी वर्णन तो भारतीय विश्वास के आधार पर है। क्या सारे संसार को भारत कहते हैं? जितने भगवानो के वास स्थान भी भारत में ही था ऐसा लगता है। जैसे कूंए के मेंढक की जैसा सोच है भारतीय दर्शन। कहीं न कहीं सच्चा इतिहास भी होगा जिस से ब्रह्माण्ड के उत्पत्ति का पता चलता है। वह भी खोजें। यदि आप बोलेंगे कि विज्ञान ने बनाया सब कूछ तो साबित करें। आधा अधुरा ज्ञान देना सही नहीं होगा कभी मौका मिलता है तो बाईबल को भी पढ़कर बताए।
जय भीम नमो बुद्धाय जी बत्तीस प्रतिशत एससी एस टी और बावन प्रतिशत ओबीसी कब तक एक होंगे मैं जमीनी स्तर की बात रहा हूँ आपको बता रहा हूँ कि तैतीस प्रतिशत एससी भी आपस में एक दूसरे से छोटा बड़ा मानते हैं मैं ये सब देख कर बड़ा दुखी होता हूँ कि ये एकजुट नही होंगे तो इनका शोषण कैसे रुकेगा बाबा साहेब की ये बात रोटी बेटी एक करो जब से मैंने कबीर साहेब जी को पढा है तब से पाखंड ढ़ोंग आडम्बर को तिलांजलि दे दी है जागरूक नागरिक होने के नाते मैं अपने एससी एसटी व ओबीसी के एकजुटता के लिए सत्गुरु जी से प्रार्थना करता हूँ कि मेरा पिच्चासी प्रति शत कब जागरूक हो कर सम्मान की जिंदगी जीना शुरू करेंगे बंदगी सत्गुरु कबीर साहेब जी सत् साहेब जी
Banspat,jeev ,ann ko batao bhul gaye, bhatakta insan.AGE KAUN SA DHARM BADLOGE.CHAHE allah kaho chahe wahe guru chahe kaho shri ram sabka malik -1 hay Alag alag hay nam. SATY PAHCHNO. Ram rath-----saurabh dhiraj tehi Rath chaka saty sheel dridh dhwaja pataka bal vivek dam parhit ghore,xama Daya samta Raju jore. Bhatakte raho ---- Jay Shriram.
Admi ki pahchan vachan aur karm se hoti hay .KEWAL WASTRA SE NAHI HOTI. SADHU KE VESH MAIN RAWAN NE SEETA KA HARAN KIYA THA. ISLIYE ram charitra Manas shiksha deta hay ki--------insan ki pahchan uske wachan aur karm se ki jay .kapda.kewal bhagwan isper pura vishwash nahi karna chahiye.
आपका प्रवचन तो बहुत अच्छा है लेकिन अगर ज्यादा आप जानकारी हैं हिंदुस्तान में चार जातियां ही बोली जाती हैं कि हैं हिंदू मुस्लिम सिख इसाई हिंदू के बारे में तो आपको बहुत ज्यादा जानकारी है अगर इन बाकी तीन जातियों के बारे में जानकारी दे देंगे तो आपकी बहुत बड़ी मेहरबानी होगी
भाई पहली बात की हिंदू मुस्लिम सिख इसाई जाती नहीं है ये धर्म है। और हिंदू कोई धर्म नहीं है। क्योंकि चार वेद 14 पुराण 18 उपनिषद के अंदर कहीं भी हिंदू धर्म लिखा हुआ नहीं मिलता। इसलिए आडंबर बाज किसी भी धर्म ग्रंथ में हिंदू धर्म ना लिखा होने की वजह से अब कहने लगे हैं कि हम सनातनी हैं।। जबकि सनातन शब्द बौद्ध धर्म का है। ये लोग अपने को आर्य बताया फिर वैदिक धर्म बताया फिर हिंदू धर्मबताया सारे बनावटी भेद खुलने लगे तो अब सनातनी करनेलगे जो की सनातन भी इनका नहीं है। रही बात अन्य की गुरु नानक सिखों के गुरु, संत कबीर, संत रविदास जी आदि बड़े बड़े तमाम महान संत हुए जिन्होंने सत्य को साबित किया और समाज को आगाह किया।। लेकिन यह लोग ऋषि मुनि नहीं थे। जो गैप हांकते, शराब देकर जलाने वाले, तथा वरदान देकर एक हाथ को नो हाथ बनाने वाले नहीं थे। बाकी मुसलमानों की बात एक्स मुसलमानों की बातों को सुनिए सब समझ में आ जाएगा की मुल्ला मौलवी क्या होता है।। और आपको ईसाइयों के विषय में जानकारी लेनी है तो गिरजा घरों में जाए इनका भी भेद खुल जाएगा अगर आप फिर जानने की कोशिश करेंगे तो इनका भी भंडाफोड़ आपको मिल जाएगा। जितने सृष्टि बनने वाले और जितने इनके देवी देवता है सबके हाथ में हथियार है। और महात्मा बुद्ध के हाथ में कोई हथियार नहीं है। इससे सिद्ध होता है कि यह लोग हिंसक और अत्याचारी थे। जय भीम जय भारत जय संविधान जय विज्ञान पाखंडवाद मुर्दाबाद मुर्दाबाद
Bhagwan budh ko bhagwan mane wala khud budh ke ware me samjo ki budh koun the unka bachhan samjo budh koun.the o atam gyani the tum khud budh Wan kar dikhao bahut gyani ban raheho tumhara janam kaise huya kaise bolted ho osamchho Murak Jase bate karte ho
Tumne kuchh bhi jana hi nhi ki stya hai kya Laha ko modne ke lihe loha hi kam krta hai Agyan ko Gyan pane ke liye agyan ka prayog krke Gyan me phuchane kam karta hai Sastra puran ki bat ho krte inko pdo braje Suresh ki bat nakro phle tum khud pd lo Tum bhgvan ki bat krte kya bhgvan ko dekha hai Sastra ki bate hai adrastrant iska nichod hai adhyatm adhyatm ko jano jb adhyatm stya ko jan jaaoge to bhgvan ki kya insan ko bhi bura khna bhul jaoge Akhir bta bhi diya tumne halki koyi aobi si hi bol rha jb tk kisi ki bhi burayi btake amni achchhyi btaoge tb tk chmar ke chmar hi rhoge