सरस्वती वंदनाहंस वाहिनी वीणा वादिनी द्वार तुम्हारे आया हूंतुम्हें रिझाने की कोशिश में घी के दीप जलाया हूंरचनाकार: श्री रामवृक्ष प्रजापति जी जनपद गाजीपुर, उत्तर प्रदेशगायक: ओपी राजपूत जनपद कासगंज,उत्तर प्रदेश
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17 июл 2023