इंसान को इंसान से नफरत कराना सिखाता है वो धर्म नहीं धंधा है-राजकुमार रोत
सायला में आदिवासी समाज का कार्यक्रम आयोजित
जालोर जिले के सायला उपखंड क्षेत्र में मंगलवार को आदिवासी समाज का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद रोत ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है मानव धर्म है और जो इंसान से इंसान को नफरत कराना सिखाता है वो धर्म नहीं धंधा है। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म इंसान को इंसान से नफरत कराना नहीं सिखाता है। उन्होंने कहा कि हम सब का एक ही उद्देश्य है कि संगठित होकर रहें, सही दिशा में चलें और आने वाली पीढ़ी के लिए काम करें। सांसद रोत ने कहा कि एससी समुदाय हो या भील समुदाय विभाजन तो आजादी से पहले भी हुआ और आदिवासी समुदाय की बात करें तो भील समूह सबसे बड़ा समूह है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने धर्म ग्रहण किया है, धर्म परिवर्तन नहीं किया। जब धर्मों का निर्माण नहीं हुआ उससे पहले आदिवासियों की अपनी व्यवस्था थी। नए नए धर्म आए आदिवासी या भील समुदाय के लोगों ने धर्म ग्रहण किए, किसी ने हिन्दू धर्म अपनाया, किसी ने ईसाई धर्म, किसी ने बौद्ध धर्म तो किसी ने मुस्लिम धर्म ग्रहण किया, लेकिन हमें इसमें नहीं पड़ना है। मानव धर्म सबसे बड़ा धर्म है। इस दौरान कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रमीला मेघवाल,राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताराराम मेहता,एडवोकेट श्रवण कुमार भील,ओटवाला सरपंच दीपाराम मेघवाल, विशाला सरपंच प्रतिनिधि चतराराम राणा , भील समाज के युवा नेता नरेश राणा , अम्बेडकर सेवा समिति के ब्लाक अध्यक्ष जोइताराम बोरवाडा , बाबूलाल उनडी , किशनलाल ऐलाणा , पारस राठौड़ देता , गोकुलराम मोकनी , सुजेन्द्र डांगी , भोलाराम राणा सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
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8 окт 2024