सिक्खों ने कभी नहीं कहा कि सृष्टि को गुरु नानक देव जी ने या अन्य गुरुओं ने बनाया... उन्होंने तो केवल जीवन को किस प्रकार जीना है ये बताया... नवें और दसवें गुरु जी ने ये बताया कि जुर्म करना पाप है और जुर्म सहना भी पाप है...🙏🙏
Aapko pta nahi words meening ..Brahma mtlab brahamand ..shiv hai nirvikar yani Shiva ke akar ka hi brahmand hai ..samjhe aap log pahle shabdo ka sahi arth jo jante nahi bs anarth esi me hota hai ...nanak guru Govinda v ram Krishna Vedas eswar bhagwan ko galat nahi btaya n kahi v nahi btaya. .j bat dekh lijiy or btayiy khan nanak ne brahma ko galat btaya Ram krishn ko nahi mana balki unhone virta kruna dya satasang ko mhatwa diya manvta ko mhatwa diya ..
Best is what Gautam Buddha preached. Dont think about God exist or not. There is suffering because of 4 noble truth and 8 fold path to relieve from suffering
गरीब, जाके अर्ध रूम पर सकल पसारा, ऐसा पूर्ण ब्रह्म हमारा।। गरीब, अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड का, एक रति नहीं भार। सतगुरु पुरुष कबीर हैं, कुल के सृजनहार।। आदरणीय गरीबदास साहेब जी कहते हैं कि सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्मा हैं। - संत रामपाल जी महाराज
#12वें_पंथ_हम_ही_चल_आवें कबीर परमात्मा ने 'कबीर सागर', अध्याय 'कबीर बानी' के पृष्ठ 136-137 में कहा है: बारवें पंथ हम ही चलि आवैं, सब पंथ मेटि एक ही पंथ चलावें। अर्थात बारहवें पंथ में मैं स्वयं चलकर आऊँगा और सभी पंथों को मिटाकर एक सच्चे पंथ को स्थापित करूंगा। वर्तमान समय में कबीर जी संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं, जो आज सभी नकली पंथों को मिटाकर एक यथार्थ कबीर पंथ चला रहे हैं। Sant Rampal Ji Maharaj
इस बहस में पड़ना बेकार है। यदि आप आस्तिक हो तो यह भी मानना होगा कि कोई न कोई तो ऐसी शक्ति है जो इतने सुचारु रूप से इस बरह्मांड को चला रहा है। नाम जो भी हो, कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अति सुंदर... शानदार अनुभूति की सुंदर अभिव्यक्ति। जिस शक्ति की आप बात कर रहे हैं उसे कुदरत का कानून या प्रकृति के नियम कहते हैं, जिन्हें यूनिवर्सल लॉ के नाम से भी पूरी दुनिया जानती है। इसके लिए किसी आदमी के आकार के भगवान की जरूरत नहीं है... यह भगवान, खुदा और गॉड की कल्पना मात्र है जबकि सृष्टि सदा से अनादि और अनंत है ... प्रेम और अनंत साधुवाद!
😂 अति उत्तम अपने ही उत्तर में फस गए गुरु प्रकृति तो है ♾️ यूनिवर्सल लॉ को विज्ञान भी मानती है अब इसके कॉन्सेप्ट को समझना है तो कुरान का अध्ययन कीजिए शायद आपको उत्तर मिल जाए सुरह इखलास का हिंदी अनुवाद वो शक्ति जिसकी न कोई काया है न कोई उसकी संतान है न वो किसी की संतान है हमेशा से है और रहने वाला है उसी ने ये प्रकृति बनाई है और 1 दिन सब खत्म हो जाएगा यदि आप अनंत तक रहने की बात करते फिर हमारा सूर्य पृथ्वी की तरफ क्यों इतनी तेज़ी से आ रहा या पृथ्वी सूर्य के पास आती जा रही प्रलय के दिन सूर्य सर से बस थोड़ा सा ऊपर होगा बोलिए विज्ञान झुटला दे महाशय धर्म के नाम पे तर्क के नाम पे जो धंधा चालू किए हैं न गुरु जी उनको जवाब देना पड़ेगा कोन मूल्ला उनको बोला मेरा अल्लाह मुर्गा बकरा खाता है हमारा ईमान है न वो खाता है न पीता ना उसको नींद आती है न झटके उसकी कोई शरीर इन सब से वो पाक है चचा को बोलिए अपनी दुकान चलाएं पर किसी के धर्म को बुरा भला कहके आपस में मतवेद ना कराएं तर्क से डिबेट करना हो तो 8228888988 पे आइए अनलिमिलेड बातें होंगी शायद मैं ही जाग जाऊं या आपका भला हो जाए जय हिंद जय भारत 🤲❤🙏🇮🇳
ये सृष्टि अनादि काल से लेकर और अनंत समय यानी ( जिसकी कोई अवधि नहीं ) पता नहीं कब तक अपने आप में स्वयं एक शक्ति है । जिसकी थाह ना किसी ने लगाई थी ना इसकी कोई थाह लगा पाया है और ना कोई लगा पायेगा 😮😮
अरज प्रकांड महात्मा जी, किस भी तरह बना या बनाया गया इससे क्या फर्क पडता है,,, पहले खुद को पहचान करे, बाहर क्या टहल रहे है,, न आप जानते न कोई। खुद को विद्वान और दूसरे को मूर्ख समझने वाला, ही सबसे बडा मूर्ख है। आप आपने नजर मे हमेशा बडा होने को सावित करते है, दूसरे को नीच। यह भावना ही निंदनीय है। बुरा लगे तो क्षमा करे। पहले खुद को खोजने मे समय दे दूसरे मे नहू, धन्यवाद।
ठिक है,हम किसी भरवसा पर नहीं जिएंगे लेकिन खुद पर तो भरवसा करकर जी सकते है। क्योंकि दुनिया भरवसे पर ही जिती है। कुछ भी कहो, दुनिया में कुछ तो ऐसी शक्ति है, उस शक्ति को तो मानना पड़ेगा। फिर यहां भरवसे की बात आती ही है।
Bharat desh mein sabse bade moorakh paye jaten hain 🙏 kisi ko bhi nahin pata ki is duniyan ki rachna kis ne ki 🙏 Bhagwan kis ko kehten hain yeh bhi kisi ko nahin pata 🙏
जितने भी भारत में कथा करो और संतोष प्रवचन सत्संग करने वाले हैं हमें लगता है यह सब समाज को बर्बाद करने की सेवाएं और कुछ नहीं दे रहा है हिंदू समाज को इतना गिरा दे रहा है कि लोग हिंदू होने हर नाम सुनने से लोग थूकते हैं हिंदू होने पर लोग को गर्व करना चाहिए था क्योंकि हमारे मूर्ख कथा कारों की वजह से हिंदू के परिभाषा बदल दिया है कोई कथाकार वीर शिवाजी की कथाएं नहीं कहता है महाराणा प्रताप की कहानी नहीं कहता है जिसको कहता है कि तुम शास्त्र को छोड़ दो एक चिट्ठी भी मारना पाप है और यह गधा कथा करो यह नहीं बताता है कि तुम्हारी मां की तुम्हारी बहनों को किस तरह मुगलों ने लूट रहा है इस रक्षा करो कैसे इससे बचो कैसे से लड़ो यह बात नहीं सकता है
Sikhs are great and different.Only one Satguru NANAKDEV JI in creation and everywhere with God.Please think 100000000000000000000000000000000000000000000000000000000⁰times before think about Satguru, Jesus and God.
जहां कुछ नहीं वही तो हवा और पानी है जो दिखता नहीं महसूस किया जा सकता है सृष्टि की उत्पत्ति हवा और पानी से हुई है हवा में अपनी धोती महारानी इनमें से निकले तीन प्राणी जो कि ब्रह्मा विष्णु और महेश जी थे आगे की बात दुनिया ने दुनिया की क्या हुआ और पानी के बगैर कोई जिंदा रह सकता है जब कुछ नहीं था तब भी हवा और पानी थे
Is duniya ki sabse zyada scientific religious book hai dhan dhan sri guru granth sahib ji maharaj,usme kuch bhi myth nahi guru nanak dev ji maharaj ne scientific way se sab kuch clear kr diya hai
अच्छा कहा आपने माना इस बात को लेकीन क्या करना चाहिए इससृस्टि मे तम्बाकू ईश्वर क्यों सूअर क्यों बनाया बनाया कहाँ तक कहा जाय परिश्रम सब करतें हैं किन्तु परिश्रम के अनुकूल परिणाम नाही निकलता
सृष्टि की रचना चाहे है ब्रह्मा जी ने की हो या अल्लाह ने की हो यीशु मसीह ने की हो या फिर प्राकृतिक उत्पत्ति हो क्या फर्क पड़ता है परंतु एक बात है इंसान को अपना धर्म मानना चाहिए धर्म के डर से ही इंसान बुरे कार्य करने से डरता है उसके मन में है दया और अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती
सभी जीव ईश्वर के अंश हैं परमात्मा सभी जीवो में निवास करते हैं जातियां भी परमात्मा ने बनाई है सभी पेड़ों के नाम भी परमात्मा ने रखेंहैं सभी जीवों के नाम भी परमात्मा ने रखे हैं यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारते अभ्यास स्थानम अधर्मस्य तदात्मानमसृजामय: प्रिंतरा णायं साधु ना: विनाशाय'च'दुष्कृतम् धर्म संस्थाप नाथाय संम भवामी युगेयूगे
सिख मानते हैं जो सृष्टि है वह एक आवाज से पैदा हुई है उसे आवाज को ओमकार खोला गया है किसी गुरु नानक ने यहां गुरु गोबिंद सिंह ने सृष्टि नहीं बनाई है जितने आप लोग बोल रहे हो आपने कभी धर्म ग्रंथ पड़े हो तो आपको पता लगे किसी को कीक्या मान्यता है
कुछ भी कहलो मगर दुनिया का निर्माण तो फिजिक्स के सिद्धांतों के अनुसार ही हुआ वरना जीसने भी बनाई वो ये मटेरियल कहां से लाया ओर निर्माण से पहले कहा रखा हुआ था
Very nice knowledge about world .our Indian are living blind devotees life .They do not know what is true.Saint Kabir and others many saint gave the knowledge
जो बोल रहे हो कोई नयी बात नहीं है दूसरे की नकल कर रहे हो आपसे पहले 6 शास्त्र में इससे कहीं आगे का ज्ञान है योग शास्त्र, न्याय शास्त्र, सांख्य शास्त्र,वैशेसिक शास्त्र, पूर्व मिमांसा शास्त्र, उत्तर मिमांसा शास्त्र,इसको पढौ़ फिर बात करो सबसे अधिक तो कबीर पंथी आपस में लड़ रहे हैं आपका ज्ञान इन 6 शास्त्रों के आगे कही नही टिकता है।
गुरुजी सिर्फ अपने हिंदू वह सनातन धर्म पड़ा है उसी के बारे में बताइए सिखों के और ईसाइयों और मुसलमान सभी का कहना है धरती को अल्लाह यानि परमात्मा ने बनाया और अल्लाह को किसी ने नहीं बनाया और ना किसी ने पैदा किया ईसा मसीह और मोहम्मद साहब अल्लाह के पैगंबर यानी मैसेंजर है और उन्होंने लोगों को अच्छे काम करने के लिए कहा और बुरे कामों से बचने को कहा।
यह जोभौंक रहा है ना यह अपनी दुकान चलाने के लिए भोंक रहा है इस पर कोई ध्यान ना दे अपनी मां ग्रंथ यह बता रहा है बाकी कबीर जी ऐसे कुछ नहीं कहा है अपने डेफिनेशन से कुछ कुछ कहना बदल ना चाहता है
अरे.कोई.लोगोने.इस.आदमी.को.नाव मे.बिठाकर.समुन्दर्.मे.बिठाकर.दुनिया.धुंदनेको.शोड. दो. पता लागाकर.आ.जाना..हमे.कल्पना.करते.है.दुनिया.ईश्वर.ने.बनाया.सब. इन्सान..ईश्वर.ने.बनाया..धर्म.उपर.बोलता.है.ऐसे.लोगोने.बनाया.हम.सब इन्सान.है.ऐसे.मै.मानता.हू..ये.आदमी..को.दुनिया.धुंन्दने.के.लिये.भगवो.इतना.मेरा.कहाना. है
सत साहिब बंदगी भगवान जर्रे जर्रे में पत्ते पत्ते में है प्रत्येक घट घट में भगवान रहते हैं देखने वाले नजर चाहिए पूरा विश्व एक परिवार है सब मिलकर रहें जय भारत जय प्रकृति डायरेक्टर श्री रामवीर सिंह 🇨🇮भारत आदर्श परिवार न्यूज़🇨🇮
यह भी एक भगवान बनने की होड़ में लगा हुआ है इसलिए ऐसे मूर्खों की बातों सुनकर करके कोई कमेंट ना करें क्योंकि इसकी दुकान चलेगी ही ऐसे ही उल्टे बोलने पर कबीर जी कबीर जी थे उसकी एक धूल भी नहीं हो सकता है यह जो बोल रहा है नाभौंक रहा है
अगर आज संत कबीर दास इस दुनिया में होते तो इन भौकाली बाबाओं का अमृत वाणी सुनकर इन सबका साथ अवश्य छोड़ देते। ये सब बाबा लोग किस धर्म से आते हैं। ये लोग तो हनुमान जी को बनरा बोलते हैं। और न जाने क्या-क्या बोलते हैं ये। सभी धर्मों का निंदा करना ही इनका मुख्य धर्म है। यही बुढ़उ हनुमान जी को बनरा बोलता है।
हवा और पानी कभी खत्म नहीं हुए रोम रोम कान कान के अंदर भगवान विद्यमान होता है हवा पानी का आगमन भी वही होता है और नहीं हवा और पानी कभी खत्म होंगे हवा में पानी होता है पानी में हवा मच्छी सांस लेती है पानी में
ना तो कभी गुरु नानक देव जी ने कहा कि मैंने सृष्टि को बनाया है ओर ना ही किसी सिख गुरु ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सृष्टि को बनाया है। ना ही कभी सिखो ने कहा कि हमारे 10 गुरुओं ने दुनिया बनाई। इस मूर्ख को पत्ता नही किसने ये झूठी बात बोल्दी
Jisne bhagwan ko insan samjha wo kabhi bhagwan ke bare me nahi jaan payenge. Wo insan sabse bara murkh hai,jisne bhagwan per ungli uthata ho. Jai Mahadev.
मैं आप की बात से असहमत हु, आप के पुरे एक घंटे का भाषण पर एक सवाल करता हु उम्मीद हे आप जवाब नहीं दे पाऐंगे, सवाल नीचे पुरी दुनिया मे एक भी चीज बेवजह हे बतादो, any one thing which is unreasonable in the world or universe, give the answer