मृत्युंजय प्रताप सिंह की रिपोर्ट
लाखों श्रोताओं की उपस्थिति में बेस्ट सेलिंग लेखक प्रेम रावत की पुस्तक "स्वयं की आवाज" के विमोचन में बना गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड।
मृत्युन्जय प्रताप सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ : सुप्रसिद्ध रमाबाई अंबेडकर मैदान रैली स्थल में प्रेम रावत जी ने एक कार्यक्रम में विशाल जनसमूह को संबोधित किया अवसर था उनकी नई पुस्तक स्वयं की आवाज के लोकार्पण का जिसे विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन हार पर कॉलिंग में हिंदी में प्रकाशित किया है इस अवसर पर संपूर्ण भारत के लोग प्रेम रावत जी को शुभ को सुनने के लिए आए हुए थे।
इस पुस्तक विमोचन समारोह को गिरीश विश्व रिकॉर्ड से नवाजा गया है जिसमें प्रेम रावत जी ने लाखों लोगों के बीच अपनी पुस्तक का विमोचन किया और जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह के कार्यक्रम में 6786 लोगों का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। सर्वप्रथम प्रेम रावत ने अपनी पुस्तक के कुछ पत्रों को पढ़कर सुनाया जिसे पुस्तक प्रेमियों ने शांतिपूर्वक सुना और उसका आनंद लिया । "स्वयं की आवाज" प्रेम रावत जी की अंग्रेजी पुस्तक "हियर योरसेल्फ" का हिंदी संस्करण है जो न्यूयॉर्क टाइम्स की बेस्ट सेलर लिस्ट में शामिल पुस्तक है।
दुनिया भर में शांति दूत के रूप में प्रसिद्ध प्रेम रावत जी, शिक्षक, best-selling लेखक और मानवतावादी शख्सियत है जो लोगों को अपने हृदय की आवाज को सुनने और अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके द्वारा लिखी पुस्तकें दुनियाभर में सबसे ज्यादा पढ़ी जाती हैं। अपने संदेश को वो हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी हुई दिलचस्प किस्से कहानियों और कथाओं के माध्यम से आगे रखते हैं जिसे लोगों ने खूब सराहा है।
"स्वयं की आवाज" पुस्तक में प्रेम रावत जी ने दुनिया भर में अपनी यात्राओं के दौरान, धार्मिक हस्तियों, नेताओं से लेकर विश्व की कड़ी सुरक्षा वाली जेलों में बंद लोगों के साथ अपनी बातचीत के बारे में लिखा है।
कार्यक्रम की होस्टेस भाग्यश्री दासानी द्वारा पूछे जाने पर कि स्वयं की आवाज पर ही ध्यान देने पर हमें अपने आसपास के लोगों पर कैसे ध्यान दें पाएंगे और कैसे उनके दुखों को मिटा पाएंगे जिस पर प्रेम रावत जी ने कहा एक बुझा हुआ दिया ,दूसरे बुझे हुए दियों को नहीं जला सकता उसी प्रकार जब तक हम स्वयं को नहीं जानते तब तक हम दूसरों की परेशानियों से उभरने में उनकी सहायता नहीं कर पाएंगे।
आज कल के भागदौड़ की दुनिया में जहां मनुष्य परेशान है, थका हुआ महसूस हुआ करता है ,प्रेम रावत जी बताते हैं कि हर एक मनुष्य के अंदर शांति का सुंदर संगीत बज रहा है, जिसको हम अपने ही भीतर सुन सकते हैं और शांति को प्राप्त कर सकते हैं।
2 апр 2023