ग्राम पंचायत भनार स्थित श्री श्री 1008 बंज्यैण देवता और मूल नारायण देव मंदिर है यहाँ त्रयोदशी के दिन भव्य मेला लगता है।
यहाँ की बरसों से चली आ रही परंपरा के अनुसार ढोल दमऊ और झांजर (एक तरह का वादक यंत्र) के बाजे में खूबसूरती से डांस करते हुए मंदिर और धुणि (आग) की परिक्रमा करते हैं जो दृश्य देखने लायक होता है!
आमतौर पर मंदिरों पर सिर्फ़ एक ढोल दिखता है पर यहाँ कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिलता है, यहाँ 5 से अधिक ढोल एक साथ एक धुन एक एक सुर और एक लय मे ढोल बजाते और नाचते हुए चलते हैं।
यदि आप बज्यैंण देवता के इस मंदिर में रात को रुकते हैं तो आप और भी अधिक यहाँ की संस्कृति का नज़ारा देख सकते हैं क्योकि रात्रि के समय 15 ढोल इसी तरह का सुर ताल से देवताओं का अवाहन करते हैं, इसके अतिरिक्त सारी रात मंदिर में भजन कीर्तन और पूजन जारी रहता है, दूसरे दिन भक्तों का टोला मूलनारायण जी के दर्शन के लिए प्रस्थान करते हैं।
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15 фев 2019