इस भजन के गायकी का अंदाज मौलिक है! और आज सस्ते भजनों की भीड़ मे अपनी अलग ही पहचान रखती है! जो आज बस कहीं कहीं सुनने को मिल रही है! धन्य है, खुमाण दान जी की साधना, जो आज की विकृत भौतिक संस्कृति के वातावरण मे इसको जिंदा रखे हुए है! इनको सबसे पहले मैंने 2014मे भादरिया महाराज जी की पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित भजन संध्या मे सुना था. वह भी रात के अंतिम प्रहर मे इनके द्वारा गाये गए, हस्तिनापुर वाले भजन पर. और बस, हृदय पर उतर ही गई इनकी आवाज. इस से पहले पूरी रात मे जो भजन गायक थे, किसी मे गहराई वाले भाव नही थे. फिर इनको पुनः सुना, 11.4.2022 को पूना से जैसलमेर आते वक्त सुबह के चार बजे के आस पास, बस के ड्राइवर द्वारा चलाये गए भजनों की श्रृखला मे. जब तक बस मे नींद लेते रहे. और इनकी आवाज सुनकर, आँख खुल ही गई. ये भजन मंत्र मुग्ध होकर सुनता रहा और जैसलमेर पहुंचने पर यू ट्यूब पर इस भजन की खोज शुरू हुई। भजन की केवल राग का ही पता था, शब्द समझ मे नही आरहे थे. तब पता चला, औह! ये तो वही चारण कविराज है जिनको में 2014 से सुनने की कोशिश कर रहा था. तब ध्यान से सुना तब पता चला कि ये तो हमारे कृष्ण के महान भक्त, पांडवो की अंतिम यात्रा की अमर व्याख्या है!! वाह! इस से हम अंदाज लगा सकते है कि हमारी वैदिक संस्कृति कितनी महान थी! इसका संगीत, गायन शैली, स्वयं वैदिक संस्कृति के उस समय के नायक! क्या ही उनका जीवन था! कृष्ण के साथ लीला मे अपनी अलग अलग भूमिका निभाते समय! इस महान संस्कृति के हर एक पहलू ( 64 कला, 16 विद्याएँ) को आज की विकृत होती जा रही संस्कृति मे पुनः उजागर कर नये सिरे से प्रचलन मे लाने की अवश्यकता है! जिसके लिए हमारे गुरु महाराज, श्रील प्रभुपाद जी ने हरे कृष्ण आंदोलन के माध्यम से पूरे विश्व मे इसका एक सुदृढ आधार तैयार किया है! जिससे आज की असुरों की दिग्भ्रमित सभ्यता ( mis directed civilization) द्वारा जो तांडव पूरे विश्व मे किया जारहा है, उस से सम्पूर्ण मानवता को बचाया जा सके!
ऐसे भारतीय संस्कृति में इंसानियत का कलिकयुग मे दर्शन दर्शाता है भारतीय भाईयों ऐसे लोग रत्नों को पैदा कर उनके माता-पिता को सलाम करते हैं जो हमारे बीच स्वर्ग सवरुपी ईस धरती पर महान वीर पुरुषों का इतिहास लोक कलाकारी में जीवता जागता प्रस्तुत किया गया है ऐसे रत्नों को सदैव आदरणीय नजरों से भारतीय संस्कृति में देखा जायेगा धन्य है वह धरा जहां प्रकृति ने सनातन संस्कृति में महान् योद्धा ने जन्म लिया है
वाह क्या कार्टून ज्ञान का प्रस्तुत किया है ऐसे रत्न पूत्र को पैदा किया उनके माता पिता सलामी देते धन्य है भारत भूमी पर ऐसे रत्न पैदा हुए भजन संवारने का कार्य किया है संजोना के लिए सदैव तत्पर आभारी रहूंगा
वाभाई वा पोंडव हिमाले हालिया जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण जय श्रीकृष्ण
Itne Satyvadi Log rhte the Apne desh me or ik aaj ki duniya ko Dekho Bigdi hui duniya Dhany hai Kavi Khuman Dan ji ko Jo itna bahut Gyan Apne bich me apni Surele Kanth se sunaya 🚩🚩🚩🚩
राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता