हरिवंशराय बच्चन की रचना मधुबाला की प्रस्तुति।
"गुंजित कर दो पथ का कण कण"
एक प्रेरणादायक पंक्ति है, जो जीवन में संघर्ष और ऊर्जा के महत्व को दर्शाती है। इसका अर्थ है कि हमें अपने मार्ग पर इतने उत्साह और दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ना चाहिए कि हर एक कण, हर एक अंश उस ऊर्जा और प्रेरणा से गुंजायमान हो जाए। यह विचार विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण होता है जब व्यक्ति किसी चुनौतीपूर्ण कार्य या लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है।
"कह मधुशाला जिंदाबाद" में मधुशाला रचना को कवि काव्य कीआत्मा , स्वतंत्रता, जीवन के रस और अस्तित्व के आनंद को दर्शाता है। "जिंदाबाद" का उपयोग यहाँ मधुशाला के विचारों की प्रशंसा और उसकी शाश्वतता को सम्मानित करने के लिए किया गया है।
मधुशाला में बच्चन जी ने शराब को एक प्रतीक के रूप में लिया है, जिससे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे सुख-दुःख, प्रेम, और संघर्ष को दर्शाया है। "जिंदाबाद" कहने का तात्पर्य इस बात से है कि उनके द्वारा प्रस्तुत जीवन-दर्शन को सराहा जाए और हमेशा जीवंत माना जाए।
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10 окт 2024