Fr. S. Joseph, Diocese of Varanasi
वर्ष उन्नीस सौ अस्सी में चार सौ चैवालीस दिनों तक ईरान द्वारा बावन अमेरिकियों को बंधक बनाकर रखा गया था।
उन्नीस सौ तिरासी के क्रिसमस के दिन तीन पादरियों को बंधकों से मिलने अनुमति मिला था । उन्हें धार्मिक सेवाओं को आयोजित करने और उन्हें वो संदेश देने जो बंधकों के घर से लाया गया था अनुमति मिली थी । एक पादरी ने बंधक बैरी रोसेन से कहा, मैंने तुम्हारी पत्नी और बेटे को न्यूयॉर्क में देखा। तुम्हारा बेटा एक प्यारा लडका है वह तुम्हें यह भेजा है ऐसे कहने के साथ उन्होंने बैरी के गाल पर एक चुंबन दिया। बैरी रोसेन की आंखों में आंसू भर आए। स्पर्श मानव हृदय में प्रवेश करने वाले सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है। आज के सुसमाचार में लोग यीशु को छूना चाहते थे। स्पर्श करना चाहते थे। जब उन्होंने प्रभु येसु को छुआ तो उनमें से कई चंगे हो गए। उनके वचन ने लोगों के हृदय को छुआ और उन्हें पाप न करने के लिए प्रेरित किया। उनके क्षमाशील स्वभाव ने उनके शत्रुओं को छुआ ।
मानव स्पर्श केवल जिस्मानी और भौतिक नहीं है। एक शब्द व्यक्ति के दिलो-दिमाग को छू सकता है। किसी व्यक्ति की उपस्थिति ही किसी का जीवन को छु सकती है। आपका व्यवहार छू सकता है। हमारे शब्द और कार्य लोगों के दिलो-दिमाग को छूकर मज़बूत अमिट छाप छोड़ सकते हैं। ईश्वर ने यह शक्ति और क्षमता मनुष्य को उपहार के रूप में दी है। ईश्वर ने जो उपहार दिया है वह सभी के साथ बांटना है। आइए हम एक दूसरे के जीवन को स्पर्श करें चंगा करें और चंगे हो जाएं।
21 авг 2024