Fr. S. Joseph, Diocese of Varanasi
आज के चमत्कार का वर्णन सात चरणों में किया गया है, ऐसा लकता है की यहां पर प्रभु छह अनुष्ठान या क्रिया के द्वारा चंगा करते है। पहला अनुष्ठान ईसा ने उसे भीड़ से अलग एकान्त में ले जाते हैं। दूसरा;येसु उसके कानों में अपनी उँगलियाँ डालते हैं। तीसरा ; प्रभु येसु उसकी जीभ पर अपना थूक लगाते हैं। चौथा ;आकाश की ओर आँखें उठाते हैं । पांचवां ; आह भरते हैं । छठवाँ ; चंगा होने का आज्ञा देते हैं। ऐसा लग रहा है कि वे कोई धार्मिक रस्म अदा कर रहे हैं । ग्रीक और यहूदियों के अनुसार, एक पवित्र व्यक्ति के थूक में चंगा करने की शक्ति है। एक पवित्र व्यक्ति के स्पर्श में चंगा करने की दिव्य शक्ति होती है।
आज ईश वचन के द्वारा गुरुवर येसु हमारे दैनिक जीवन के लिए छह पाठ पढ़ाते हैं।
पहली शिक्षा यह है की हमें ईश्वर की उपस्थिति को महसूस करने के लिए जीवन की दैनिक भीड़ से दूर आना आवश्यक है । हमें ईश्वर की उपस्थिति को महसूस करने के लिए मौन और एकांत की आवश्यकता है। दैनिक प्रार्थना और ध्यान ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करने का एक सरल माध्यम है।
दूसरी शिक्षा यह है कि हम ईश्वर को हमारे कान खोलने दें ताकि हम ईश वचन सुन सकें। तीसरी शिक्षा यह है कि हम ईश्वर के शरीर को अपने अंतर ग्रहण करें। ताकि हमारी जीभ ईश्वर की आत्मा से प्रेरित वचन बोल सकती है ।
चौथी शिक्षा यह है कि हमारी सभी आवश्यकताओं के लिए हमारी दृष्टि हमेशा स्वर्गीय पिता पर टिकी रहनी चाहिए। वही हमारा अन्न दाता है ।
पाँचवीं शिक्षा यह है कि अपनी सारी चिंताएँ, दुःख और निराशाएँ ईश्वर पर छोड़ दें। छठी शिक्षा यह है कि ईश्वर का वचन आज्ञा हमें सभी बंधनों से मुक्त करती है ।
अगर हम इन छह शिक्षाओं का पालन करते हैं तो हम हमेशा ईश्वर की उपस्थिति में रहेंगे।
21 авг 2024