वेदों में निराकार साकार का ज्ञान है निराकार साकार सृष्टि है अर्थात सृष्टि का ज्ञान वेदों में है। लेकिन जो सृष्टि से बाहर है उसकाज्ञान वेदों में नहीं है। जो सृष्टि से बाहर है इसकी पुष्टि भी वेद कर रहे हैं। वेद ज्ञान जो पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। जो सृष्टि से बाहर है वह क्या है वही पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद है। वेदों में सृष्टि के अंदर का ज्ञान है बाहर का नहीं। सृष्टि के बाहर का ज्ञान भागवत मेंहै। भागवत को पूर्ण ब्रह्मसच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक के अलावा दूसरा कोई खोल नहीं सकता। अब कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से भागवत को खोल कर एक पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद की पहचान कराई है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं।🎉🎉