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ॐ जय सरस्वती माता || Om Jai Sarswati Mata || Mata Aarti || Mata Sarswati Bhajan || Sarswati Mata 

J Tune Bhakti
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ॐ जय सरस्वती माता || Om Jai Sarswati Mata || Mata Aarti || Mata Sarswati Bhajan || Sarswati Mata
इस प्रसंग का उल्लेख सरस्वती पुराण में किया गया है। प्रसंग के अनुसार सरस्वती जी ब्रह्मा जी की बेटी थीं। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इसीलिए यह कहा जाता है कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी।
सरस्वती ने अपने पिता की इस मनोभावना को भांपकर उनसे बचने के लिए चारो दिशाओं में छिपने का प्रयत्न किया लेकिन उनका हर प्रयत्न बेकार साबित हुआ। इसलिए विवश होकर उन्हें अपने पिता के साथ विवाह करना पड़ा। ब्रह्मा और सरस्वती करीब 100 वर्षों तक एक जंगल में पति-पत्नी की तरह रहे।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का कार्य संपन्न कर दिया तो उन्होंने पाया कि सृष्टि में सबकुछ है, लेकिन सब मूक, शांत और नीरस है. तब उन्होंने अपने कमंडल से जल निकाला और छिड़क दिया, जिससे मां सरस्वती वहां पर प्रकट हो गईं. उन्होंने अपने हाथों में वीणा, माला और पुस्तक धारण कर रखा था
ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्कंद पुराण, गणेश पुराण, विष्णु पुराण, देवी भागवत पुराण,शिव पुराण, कालिका पुराण, तंत्र चुरामणी, सरस्वती उपपुराण, एवं अन्य सभी पुराण, रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद ।
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
चंद्रवदनि पद्मासिनि
द्युति मंगलकारी
मैया द्युति मंगलकारी
सोहे शुभ हंस सवारी
सोहे शुभ हंस सवारी
अतुल तेजधारी
जय जय सरस्वती माता
बाएं कर में वीणा
दाएं कर माला
मैया दाएं कर माला
शीश मुकुट मणि सोहे
शीश मुकुट मणि सोहे
गल मोतियन माला
जय जय सरस्वती माता
देवि शरण जो आए
उनका उद्धार किया
मैया उनका उद्धार किया
पैठि मंथरा दासी
पैठि मंथरा दासी
रावण संहार किया
जय जय सरस्वती माता
विद्या ज्ञान प्रदायिनि
ज्ञान प्रकाश भरो
मैया ज्ञान प्रकाश भरो
मोह अज्ञान तिमिर का
मोह अज्ञान तिमिर का
जग से नाश करो
जय जय सरस्वती माता
धूप दीप फल मेवा
मां स्वीकार करो
ओ मां स्वीकार करो
ज्ञानचक्षु दे माता
ज्ञानचक्षु दे माता
जग निस्तार करो
जय जय सरस्वती माता
मां सरस्वती की आरती
जो कोई जन गावे
मैया जो कोई जन गावे
हितकारी सुखकारी
हितकारी सुखकारी
ज्ञान भक्ति पावे
जय जय सरस्वती माता
जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
सद्दग़ुण वैभव शालिनि
त्रिभुवन विख्याता
जय जय सरस्वती माता

Опубликовано:

 

30 сен 2024

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