मेरे तो मुँह में पानी आ गया इतना बढिया खाना देखकर...और मैम आपने जैसे बडी बडी रोटी बनायी है मैं भी वैसे ही बनाती हूं..बिल्कुल छोटी पूरी जितनी रोटी का क्या फ़ायदा
आभा जी आप गांव पे रहती थी तो अपना गांव खेत खलियान बाग बगीचा दिखाती थी एक अच्छी गृहणी की तरह सर ढक के रहती थी बहुत अच्छा लगता था आपको देख क अब तो आप पता नहीं किस जगह चली गयी अपने गांव कुछ दिखाती नहीं और अब जींस टाप पहनने लगी मै भी सहर मे रहती हूं गोरखपुर पुर मे लेकिन मैने जींस टाप कभी नहीं पहना है