बहुत ही सुन्दर लाइन,,हर एक प्राणी कि सोचें अलग अलग होता है। एक बार इंसान ने कोयल से कहा "तूं काली ना होती तो कितनी अच्छी होती" सागर से कहा: "तेरा पानी खारा ना होता तो कितना अच्छा होता" गुलाब से कहा: "तुझमें काँटे ना होते तो कितना अच्छा होता " बाद में तीनों ने एक साथ बोले:- "हे इन्सान है मानव धरती का सबसे खूबसूरत प्राणी अगर तुझमें दुसरो की कमियाँ देखने की आदत ना होती तो तूं कितना अच्छा होता... और संसार में तुझसे बड़ा महान कोई नहीं हों सकता,, लेकिन तुम्हारी कर्म तुम्हारी सोच ही तुम्हारे विनाशकारी का सच्चा कारण है।।
महाराज जी आपको मेरी मंडली की तरफ से आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हूं।आप के गाये भजनों से आपके साथ साथ हमारे गांव कुचेरा कानाम पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ है।
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दादूराम सत्यराम राम भैजे सो उतरे पार दादू भैजे सो उतरे पार दादू भैजे सो उतरे पार बहुत बहुत सुन्दर भजन-कीर्तनप्रस्तुति है माहाराज श्री कि जय हो From Ramphool Maharaj Barwala Thikana Bamanwas Tahsil Bamanwas District Sawai Madhopur Rajasthan रामफूल माहाराज़ शिष्य मुनि बाबा गोनेर वाले जयपुर राजस्थान