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🍜👻जादुई मैगी की कहानी | hindi story | kahani  

 Kahaniyaan ही कहानियां
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STORY: जादुई मैगी की कहानी🍜👻
एक छोटे से गांव में मोहन नाम का लड़का रहता था। उसे खाने में सबसे ज्यादा मैगी पसंद थी। चाहे सुबह का नाश्ता हो, दोपहर का खाना हो या रात का भोजन, मोहन की एक ही फरमाइश होती थी - “मुझे मैगी चाहिए!” उसकी माँ तंग आ चुकी थी, लेकिन मोहन के आगे हार मान लेती थी।
एक दिन, मोहन जंगल में घूमने गया। चलते-चलते उसे एक पुरानी सी कड़ाही दिखी, जिस पर धूल जमी थी। उसे देखकर मोहन की आँखों में चमक आ गई। उसने सोचा, "क्यों न इस कड़ाही में मैगी बनाई जाए?"
जैसे ही उसने कड़ाही उठाई, उसमें से एक जादुई जिन्न प्रकट हुआ! जिन्न ने कहा, "धन्यवाद, मोहन! मैं जादुई कड़ाही का जिन्न हूं। तुमने मुझे आज़ाद किया है, इसलिए मैं तुम्हारी एक इच्छा पूरी करूंगा। सोचो, तुम्हें क्या चाहिए?"
मोहन ने बिना सोचे-समझे तुरंत कहा, "मुझे ढेर सारी मैगी चाहिए, जो कभी खत्म न हो!" जिन्न ने हंसते हुए कहा, "ठीक है, तुम्हारी इच्छा पूरी!" और चुटकी बजाते ही मोहन के सामने एक बड़ी-सी बर्तन में ढेर सारी मैगी तैयार हो गई।
मोहन ने खुश होकर खाने की शुरुआत की। पहले तो उसने खूब मज़े लेकर खाया, लेकिन थोड़ी देर बाद उसे अजीब लगा। जैसे ही वो एक निवाला खाता, मैगी की मात्रा और बढ़ जाती!
वह जितनी खाता, उतनी ही और मैगी सामने आ जाती। अब तो मोहन के पसीने छूटने लगे। उसने बहुत कोशिश की, लेकिन मैगी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। उसकी माँ ने देखा कि मोहन परेशान है। उसने पूछा, "अरे बेटा, क्या हुआ?"
मोहन ने सारी बात बताई। माँ ने कहा, "तुम्हें बार-बार मैगी खाने की जिद छोड़नी चाहिए थी, अब देखो नतीजा!" अब मोहन सचमुच घबरा गया। उसने जिन्न से प्रार्थना की, "ओह जिन्न भाई! कृपया इस मैगी को बंद कर दो, अब मुझसे और नहीं खाया जाएगा!"
जिन्न ने प्रकट होकर हंसते हुए कहा, "ये तो तुम्हारी ही इच्छा थी, मोहन। लेकिन कोई बात नहीं, सबक सीख लिया?" मोहन ने सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, अब मैं समझ गया कि ज़रूरत से ज़्यादा किसी भी चीज़ की लालच बुरी होती है।"
जिन्न ने मुस्कराते हुए कड़ाही को बंद कर दिया और कहा, "याद रखना, हमेशा संतुलन में जीना ही सही होता है।" इसके बाद मोहन ने ठान लिया कि अब वह कभी किसी चीज़ की ज्यादा जिद नहीं करेगा।
कहानी की शिक्षा: किसी भी चीज़ की अधिकता बुरी होती है, चाहे वो हमारी पसंदीदा चीज़ ही क्यों न हो। संतुलन और संयम जीवन में बेहद जरूरी है।
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Опубликовано:

 

24 окт 2024

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