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STORY: रिश्तों की नई परिभाषा👨👩👧👦👩👧👧
पात्र:
अर्जुन (देवर)
श्रुति (देवरानी)
राघव (अर्जुन का बड़ा भाई, श्रुति का पति)
सिमी (अर्जुन की गर्लफ्रेंड)
कहानी:
अर्जुन, श्रुति, और राघव एक बड़े शहर में एक ही अपार्टमेंट में रहते थे। राघव और श्रुति की शादी को दो साल हो चुके थे, और अर्जुन अभी-अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर एक नई नौकरी में शामिल हुआ था। अर्जुन और श्रुति का रिश्ता शुरू से ही औपचारिक था। वे एक-दूसरे का सम्मान करते थे, लेकिन गहरी बातचीत या जुड़ाव कभी नहीं हुआ।
अर्जुन को ऑफिस में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी, और उसे शहर की तेज रफ्तार ज़िंदगी की आदत नहीं थी। श्रुति खुद एक व्यस्त सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी, लेकिन वह समझती थी कि बड़े शहर में नई नौकरी और नए अनुभव के साथ तालमेल बैठाना कितना मुश्किल हो सकता है।
एक दिन, अर्जुन की गर्लफ्रेंड सिमी उससे मिलने आई। सिमी को आधुनिक जीवनशैली और शहरी जीवन का बहुत शौक था, और वह काफी खुले विचारों वाली थी। घर में अर्जुन और सिमी की बातचीत से श्रुति को महसूस हुआ कि अर्जुन अपने करियर को लेकर कुछ परेशान था, और शहर की ज़िंदगी में खुद को ढालने में दिक्कत हो रही थी। अर्जुन ने कभी इस बारे में किसी से बात नहीं की, क्योंकि उसे लगता था कि कोई उसे नहीं समझेगा।
श्रुति ने एक दिन अर्जुन से कहा, "अर्जुन, तुम चाहे कुछ भी सोचो, ये घर तुम्हारा है और हम सब तुम्हारे साथ हैं। अगर तुम्हें कभी किसी से बात करने की ज़रूरत हो, तो मुझसे कहो। हम सब यहां एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं।"
अर्जुन को श्रुति की यह बात दिल से छू गई। वह पहली बार महसूस कर रहा था कि भले ही रिश्ते औपचारिक हों, लेकिन उनकी गहराई में अपनापन और समर्थन छिपा होता है। कुछ दिनों बाद, अर्जुन ने श्रुति से अपने मन की बातें साझा कीं। उन्होंने यह भी महसूस किया कि सिमी और श्रुति दोनों उसके जीवन के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, और इन दोनों के सहयोग से वह अपनी चुनौतियों का सामना कर सकता है।
श्रुति ने भी यह समझा कि नई पीढ़ी के रिश्तों में समझ और सहनशीलता का बड़ा महत्व है। उसने अर्जुन और सिमी के साथ एक अच्छा रिश्ता बनाया और उन्हें हमेशा अपने अनुभव से मार्गदर्शन दिया। धीरे-धीरे, अर्जुन ने आत्मविश्वास से अपने करियर और शहर की ज़िंदगी में सामंजस्य बिठा लिया।
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इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि आज के आधुनिक जीवन में भी रिश्तों का महत्व बना हुआ है। समय के साथ रिश्तों की परिभाषा बदल सकती है, लेकिन आपसी सहयोग, समर्थन और संवाद से परिवार के सदस्य एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं।
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24 окт 2024