माँ आदिशक्ति निर्मला आपने हमे बहुत ही बडी संपत्ति सहज के रूप मै दी।माँ ही, परमात्मा ही ने सत्य की परख हमे दी।परमात्मा के असीम कृपा के प्रात्र बने सहजी ।माँ आदिशक्ति निर्मला बहुत ही प्रयत्नशील होकर सहजी बना उद्धार कर रही है।माँ हम सहजी बच्चों को अपने छत्र छाया में समर्पित होकर जीवन जीने दे।जय श्री माताजी।
जय श्री माताजी हे कुंडलिनी माँ आपकी परम चेतन्य शक्ति से मेरे सातो चक्रों को जाग्रत करे। माँ मै एक शुद्ध और पवित्र आत्मा हुँ। मुझे अपनी कृपा का पात्र बनाये माँ, मुझे अपने साम्रज्य में स्थापित करे माँ मैं अबोध बालक हूँ माँ मेरी आत्मा को परमात्मा से मिलाओ जिससे मै स्वयं को जान सकूं ओर आपको पहचान सकू माँ। आपकी परम् चेतन्य शक्ति से हमारे शरीर के भीतर विराजमान सात चक्रों इड़ा नाड़ी, सुषुम्ना नाड़ी, पिंगला नाड़ी, चंद नाड़ी, सूर्य नाड़ी, सभी नस नाड़ियों को जाग्रत करें इनके रोग, डॉ, विकारों को दूर करे माँ, आप साक्षी हैं माँ, ये परम् सत्य हैं माँ मुझे क्षमा की योग की शक्ति प्रदान करे माँ सहनशीलता दे माँ हमारे सभी विकारों को दूर करे। आप ममता की मूरत हैं माँ हम सभी आपके बच्चे है माँ तेरी ममता की छांव दे माँ आप हमारे ह्दय में प्रेम की आनंद की करुणा स्नेह प्यार की बौछार करो माँ आप हमारे ह्दय विराजमान हो जाओ माँ, जिससे हमें सत्य के धर्म के मार्ग में चलने में आसानी होगी माँ आप ही म्हालष्मी है, माँ सरस्वती हैं, आप ही महाकाली जगदम्बे भवानी, आप ही श्री गणेश, आप ही साक्षात हैं माँ हमारे शरीर की समस्त नेगेटिविटी दूर करो माँ शुद्ध विद्या दे माँ आप ही सुबह आप ही शाम आप ही सुख आप ही दुख आप की परम चेतन्य शक्ति हमारे शरीर में जाग्रत करे माँ आप जग में सांचो तेरा नाम माँ आप ही कल्याणकारी हैं माँ जय श्री माँ