1886 pusa basmati new variety
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पूसा बासमती 1886
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पूसा बासमती चावल की नई किस्म PB 1886 किसानों के लिए तैयार, जानें क्या है इसकी खासियत !
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basmati pusa seed
source : TV9 Bharatvarsh
किसान भाई जून के पहले पखवाड़े यानी 1 से 15 जून के बीच बासमती चावल की इस किस्म को खेत में रोप सकते हैं. जो अक्तूबर 20 से नवंबर 15 के बीच पक के तैयार हो जाएगी.
देश में खेती को अधिक उन्नत बनाने के प्रयास जारी हैं. जिसके लिए कृषि शोध व शैक्षणिक संस्थानों की तरफ से नए- नए बीज विकसित किए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में पूसा (Pusa) ने बासमती चावल की एक नई किस्म विकसित की है. पूसा के अनुसार PB 1886 के नाम से विकसित बासमती चावल (Basmati Rice) की यह किस्म लोकप्रिय बासमती पूसा 6 की तरह ही विकसित की गई है, जो कुछ राज्यों के किसानों (Farmer’s) के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती हैं. आईए जानते हैं कि बासमती चावल की इस किस्म की खासियत क्या हैं.
झौंका व अंगमारी रोग प्रतिरोधी है बासमती की नई किस्म
बासमती धान की फसल किसानों के लिए फायदे का सौदा तो रहती है, लेकिन फसल में रोग लगने से किसान भाईयों को अक्सर नुकसान भी उठाना पड़ता है. जिसमें झौंका (Blast) और अंगमारी रोग (Bacterial leaf Diseases) किसानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है. झोंका रोग में धान की पत्तियों पर छोटे नीले धब्बे पड़ते हैं, जो बाद में नाव की आकार के हो जाते हैं. जिससे पूरी फसल प्रभावित होती है.
वहीं अंगमारी रोग पत्ते की नोक से होते हुए नीचे की ओर जाता है, जिसमें पत्ते ऊपर से मुड़ जाते हैं. साथ ही पौधे की पत्ती सुख कर पतली हो जाती है. ऐसे में पुसा ने बासमती चावल की नई किस्म PB 1886 को इस तरह से विकसित किया है कि यह दोनों रोगों से प्रतिरोधी है. पूसा ने सलाह दी है कि इस किस्म का उत्पादन करने वाले किसान इन दोनों रोग से बचाव के लिए किसी भी तरह की दवा का छिड़काव नहीं करें.
हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों के लिए फायदेमंद
पूसा की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार पूसा आनुवंशिकी विभाग की तरफ से
वैज्ञानिक डॉ गोपाल कृष्णन ने बासमती PB 1886 की किस्म विकसित की है. पूसा ने हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों के लिए इस किस्म की सिफारिश की है. पूसा की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार इस किस्म की उपज 4.49 T/ha है. वहीं इस 21 दिन नर्सरी में रखने के बाद खेत में रोपा जा सकता है.
वहीं पूसा ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि किसान भाई जून के पहले पखवाड़े यानी 1 से 15 जून के बीच बासमती चावल की इस किस्म को खेत में रोप सकते हैं. जो अक्तूबर 20 से नवंबर 15 के बीच पक के तैयार हो जाएगी. पूसा के मुताबिक बासमती चावल की इस नई किस्म को कटाई 143 दिन के बाद ही अक्तूबर तीसरे सप्ताह के बाद ही करनी है.
pusa basmati 1886
pusa basmati 1847
new upgrade of pb 1509 basmati paddy.
New PUSA Basmati Rice Variety || PB 1886 || Ready For CommercializationCommercialisation
Developed by the Division of Genetics Scientist: Dr. Gopala Krishnan.
PUSA BASMATI 1886
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16 мар 2023