यही लोग रामशरण मौर्य वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में पात्रता परीक्षा बता रहे थे और अब यही लोग चयन प्रक्रिया का हिस्सा सिद्ध कर रहे हैं। गजब है। यू यू ललित ने भी स्वीकार किया था
सरकार जो चाहेगी वही करेगी सरकार जज को खरीद लेगी कोई दूसरा राज्य होता तो 69000 भर्ती रद्द हो जाती । पर ये मामला यूपी राज्य का है ।देख लीजिएगा रद्द नही होगी । बाबा जी इतने कमजोर नही है कि कोई हिला सके ।
Atre पार्ट ऑफ सिलेक्शन साबित होते ही 37000 शिक्षामित्र इस प्रक्रिया का हिस्सा हो जाएंगे। लेकिन atre को पार्ट ऑफ सिलेक्शन साबित करना इतना आसान नही क्योकि इससे पहले 9 जज ये मान चुके है कि atre not part off सिलेक्शन। 69000 में ही हाइकोर्ट की डबल बेंच 2 बार ये मान चुकी है एक बार 2020 मे और एक बार 13 अगस्त 2024 में, फिर 69000 में सुप्रीम कोर्ट में भी तत्कालीन CJI यो यो ललित सहित 3 जज की पीठ ने माना, और और अभी रीसेंट में 68500 में भी हाइकोर्ट की 2 जजो की पीठ ने भी ये माना कि ATRE सिलेक्शन का भाग नही है क्योकि 97 का 60 परसेंट 90 के 60 परसेंट से ज्यादा ही होते है। ये केवल कट ऑफ मार्क्स है जो हर भर्ती में सरकार अलग अलग रखती है जैसे 68500 लिखित परीक्षा थी तो उसमें कट ऑफ 40/45 परसेंट था और 69000 में 60/65 परसेंट। और अगर इस बार भी ये साबित हो गया जैसे पहले 9 जज साबित कर चुके है कि ATRE सिलेक्शन का पार्ट नही है तो चयनित GEN ( लगभग 10 हज़ार उनके द्वारा ही SC में की गयी प्रे के अनुसार) बाहर हो जाएगा उस समय सरकार भी नही बचा पायेगी इन्हें।
Agar ATRE part of selection mana jata hai to fir SM ko bharank super tet ke nmbr me milega tb to ferbadal 68500se suru hoga SM sb vahi select ho jaenge
सामान्य अभ्यर्थियों के सीधे समायोजन के विरोध में आइए के माध्यम से जुड़ना चाहिए क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट में सामान्य अभ्यर्थियों के सीधे समायोजन का प्रपोजल ले कर जा रही है 😊😊 आगे आने वाली भर्ती पर ग्रहण लग सकता है क्योंकि बाद में अनुपात समानुपात बराबर कर दिया जायेगा
भाई एक चीज तो बिलकुल गलत बोल दिए की सरकार कोई भी नियम लेकर आए उसे चैलेंज किया जा सकता है सुप्रीम कोर्ट के अंदर , किया तो जा सकता है पर कोर्ट के द्वारा नियम बनाए नही जाते न ही लागू किया जाता है । क्युकी कोई कोर्ट जियो बनाकर खुद भर्ती नही करती है । नियम भी सरकार ही बनाती है और भर्ती भी और भर्ती में सरकार ही उसी jeo का पालन करती है । तो कोर्ट सरकार की नियमावली नही चेंज कर सकती है । और अगर ऐसा हुआ तो पूरी 69000 भर्ती ही रद्द करनी पड़ेगी ।
एक बात बताइये किसी तिवारी के ATRE में 64 % नम्बर है और Hs में 99 Ine ter में 96 BA में 99 वह सामान्य से बाहर है और जबकि कोई कुर्मी यादवे । जिसने 60% ATRE में प्राप्त करा और HS में 90 Inber में 90 BA में 90 तो उसका चयन सामान्य में कैसे हो सकता है ? भाई सामान्य को हर जगह सामान्य मेरिट चयन मे होना चाहिये ARTE क्वालीफाई भी है और ARTE मेरिट भी है यह दोनों है ARTE मात्र क्वालीफाई नही है।
क्यों रदद् करनी पड़ेगी .....क्या 69000 नोटिफिकेशन में लिखा था कि atre पार्ट ऑफ सेलेक्शन नही है .....तुम्ही जज हो गए हो। जब इसका 60 % फाइनल मेरिट में जुड़ रहा है तो दिमाक के ढक्कन कैसे ये पार्ट ऑफ सिलेक्शन नही है इसमें 90 से 97 के बीच पाने वाला आरक्षित वर्ग का नौकरी पा जा रहा है तो कैसे ये atre पार्ट ऑफ सिलेक्शन नही है। जिस राज्य सरकार की नियमावली की तुम बात कर रहे हो वो राज्य सरकार रामशरण मौर्य केस में बोला था क्योंकि वो नही चाह रहे थे कि शिक्षा मित्र सेलेक्ट हो जाये । और सुप्रीम कोर्ट को खुद निर्णय बदलने और राज्य सरकार अपना स्टैंड बदल भी सकती है
@@Gyan4more ye baat to sarkaar se pucho beta jisne khud sc me bola hai mere samne girgirane se kuch nahi hoga aur ek baat ye bhi sun lo agr atre part bn gya tb to tumko koi bahar jane se bacha nahi payega sikahamitra yaad hai n aa rha hai rijwaan Ansari court me tension n lo pata to tmko bhi lg gya hoga baki apne samajhdaar logo se puch lena beta
और रही बात तो अपने जैन भाईयो को बताइए की agr सरकार और कोर्ट से mercy mange to bch bhi jayenge । Nahi to ek taraf sikshamitra bhi hai to unke liye ye haal ho gya hai ki apna pair khud kulhadi pr jakr rakh diya hai , agr court me n jate to bach bhi jate सरकार बचा भी लेती लेकिन अब उनकी नौकरी खतरे में है 100 % बिना सोचे समझे कोर्ट चल गए । बनते तो ज्ञानी है pr asal me gyan ki bhari kami hai warna court ni jate सरकार के पास जाते जिसने रायता फैलाया है ।
Jab sc/st/obc candidates ne tet me 90 aur stet me 97 marks prapt kiye hi nahi hai to yeh general category ki merit list me kis adhikar ke tahat chaynit hone ke patra hongey?
एक बात बताइये किसी तिवारी के ATRE में 64 % नम्बर है और Hs में 99 Ine ter में 96 BA में 99 वह सामान्य से बाहर है और जबकि कोई कुर्मी यादवे । जिसने 60% ATRE में प्राप्त करा और HS में 90 Inber में 90 BA में 90 तो उसका चयन सामान्य में कैसे हो सकता है ? भाई सामान्य को हर जगह सामान्य मेरिट चयन मे होना चाहिये ARTE क्वालीफाई भी है और ARTE मेरिट भी है यह दोनों है ARTE मात्र क्वालीफाई नही है।
@@rakeshkumargupta5552नियमावली में ये भी कहा लिखा है कि multilayer relaxation या रिजर्वेशन मिलेगा। नियमावली में केवल उम्र और फीस में छूट का प्रावधान है।
Yahan up govt arakshan dena hi nahi chahti inake adhikari padon men arakshan de .jo gen merit me sc st obc aten hai unhen arakshan ki suchi men kyon dal rahen hain yadi aisa hua hai to bahu janon ki hak mari saf dikhai deti hai❤
Are vakil saab... To qualify uppcs mains you have to score 40 percent marks in each paper.. That doesn't make it qualifying nature exam because merit is drawn from that
क्यो यार भ्रमित कर रहे हो केस के बारे में और जानकारी लो उसके बाद analysis किया करो। शिक्षमित्र की कह रहे हो वहाँ मुद्दा कट ऑफ था यहाँ रिजर्वेशन है। दोनों cases के फैक्ट्स अलग अलग है। अगर atre पात्रता परीक्षा है तो क्या उसमे छूट दी जा सकती है। अगर छूट दे दी है तो ur में कहा से घुसेड़ दोगे।
Ab ismein men road State Government ka ho jata hai ki vah kis taraf se apni baat rakhti hai jahan tak mujhe lagta hai Sarkar ismein jo hai ki anarakshit bacchon ka sath degi andar andar aur apne jo ghar kah rahi thi ki yah Jo Aarakshan bhi sangatiya hai use statement ko wapas le legi
साहब, आप रामसरन मौर्य का आर्डर भी पढ़ लेते एक बार। शिक्षामित्र को निकालने के लिए पार्ट ऑफ़ सेलेक्शन था। अब आरक्षित वर्ग को निकालना है तो पार्ट ऑफ़ सेलेक्शन है। तो नौकरी देनी किसको हैं? जैसे जैसे ज़ब जो मन हो मान लो। गज़ब न्याय है। गज़ब है सरकारेँ। 95% शिक्षामित्र भी तो आरक्षित वर्ग से ही था, कहीं उनके समायोजन के रद्द होने का मूल कारण भी यही तो नहीं था? और पहले ही decided हैं ये केस इस बात को कितने ही केसेस में लागू होते देखा है। तो फिर यहाँ क्या बदल जायेगा गेम? सरकार ज़ब चाहे हलफ़ नामें बदल सकती है क्या? जेल जैसा कोई प्रावधान इस पर? नहीं, तो क्या आम इंसान भी कभी भी अपना हलफनामा बदल सकता है, या ये सुविधाएं सरकार के विशेष पदाधिकारियों के लिए है?
आप होटल हो आप पढ़ो मेरे कमेंट और उत्तर दो एटीएम में अगर यह क्वालीफाइंग था तो क्वालीफाइंग का सबका एक मानक होना चाहिए रिलैक्सेशन क्या होता है कि संविधान में लिखा है कि सिर्फ ओबीसी और एक को रिलैक्सेशन डे के पास कर दो जब कि वह ऑलरेडी उसे योग बने हुए हैं वह सिस्टम की डिग्री लिए हुए उसे तरह से उम्र में और टेट एग्जाम में वह पहले ही से लाभान्वित हो रहे हैं फिर क्वालीफाइंग होता तो एक समान मानक होना चाहिए फिर उसके बाद सबके गुणांक बनाकर अपना मेरिट सिलेक्शन करना चाहिए आप खुद बताओ हिंदुस्तान में सब देखो
नेताओं ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए भरती फंसा दी अब इसमें तो उन लोग परेशान है जो चयनित है जो बाहर सड़क पर घूम रहा है नेतागिरी कर रहा है वह तो आज भी वही कर रहा है कुछ लोग शिक्षामित्र को भी ज्ञान दे दिए हैं कि आप लोग भी चलेलिए और एक अच्छा वकील कर लीजिए ताकि फिर चंद के बिजनेस जमकर हो
Sir humlog bihar civil court peon wala ka exam nahi hoga koi eska bade m information nahi deta hai na koi bolta hai 900 rs lekka 2 saal hone wala hai koi value nahi hai students ka
Bhai jaldbaji to general wale hi kiye unko to kaha ja raha tha ki sarkar se milkr mamala solve Kiya jaye to wo log bahut bade savarn banane ka dawa kr rahe the unko ye pata nhi hai ki agar atre pr jite to bhi hani hare to bhi hani ab bhi time hai sarkar se milo dono paksh sarkar bich ka rasta nikale obc sc wale lucknow me chilla chilla kr bula rahe hai ki aao lucknow sarkar se bat kro bhai ego me mt rahi koi sabhi milkr sarkar pr dabav bnao nhi kch hoga nhi last me pachhataoge tum
@@Bluesky.c tumko dard waha bhi hoga jaha tum ho aa jayenge to bol do modi se general me samil kre ahiro ko waha bhi chillaoge ki EWS ka 10% pura yadav le liye yadav ab tum logo ki chain nind sab Aram kr denge chahe jaha bhi rahenge rahi bat non yadav obc ki to yadav aisi ak jati hai jo non obc ko har star pr suraksha dete hai unko tum jaise mansikata ke log satate the yadav latiya latiya ke thik kr diye tum jaise logo ko isliye yadavo se itna jalate ho aur yad rahe yadav wahi hai jyada chill po kroge to fir se latt uthega gaw me dal diya jayega yadav se jalate raho samaj me afwah failate raho but ab safal nhi honge kyuki obc bhi sb samajhate hai kaun kiska hak kha raha hai mandir me 100% reservation lekr baitho ho sadiyo se nyayalay me tum log kabja kiye ho kya ab koi nhi samajh raha hai kya har obc sc st bat krne laga hai is chiz ka ab nhi bahaka paoge dekhana vidhansabha me akhilesh yadav aisa ticket denge ki tumko vipaksh me baithane bhar ki seat nhi milegi yogi gorakhpur jayenge tum sawarn bne ghumana lat khana yadavo se
Up state apna version phle hi de diya hai court me aur atre is not part of selection up gov supreme court me hi boli hai to ab aisa to nahi ho sakta ki gov ek baar bole part of सिलेक्शन है और एक baar bole nahi hai । Aur ye dhyan rhe shukla ji ne jo single bench me bola tha atre is part of selection fir uske baad ek aur सुनवाई में इन्ही शुक्ला जी ने अपनी गलती मानते हुए atre is not the part of sekection bola hai । Itna anylysis kr rhe to jara jankari bhi juta lete
Aise tark pe to shikshamitra kbhi bahar nhi hote kyoki sarkar ne shikshamitra ko samayojit kr lia tha..lekin court ne use unconstitutional declare kiya..aise to bed primary se kbhi bahar hi nhi hota lekin ho gya na kyoki Supreme Court ne use unconstitutional declare kiya…to bhai ye Supreme Court h yha facts pe baat hoti h ..aap kisi bharti ka 60% weightage final merit me add kr ke use qualifying nature ka nhi bata skte