@Veer Bhai Jaise Man Singh ne Munwari Bai aur Bibi Mubarak ko 😂😂😂. SC/ST waale Chauhan jhoota surname use karte hai 😂. Sabko pata hai Chauhan jo vats gotra ke hote hai wo kshatriya kul ke hai 😂😂Jaat bhi Chauhan,Tomar,Rana lagate hai magar unka gotra alag hota hai 😂😂.
शानदार विश्लेषण।वास्तव में हमको हमारे देश के वीरों के इतिहास को नही पढ़ाया गया केवल मुगलों का ही गुणगान किया गया।देश को गौरवान्वित करने वाले वीरों के इतिहास से सभी को अवगत करवाया जाना चाहिए।
हमारे देश में मुगलों का ही इतिहास हमारे देश वासियों को पढ़ाया जाता रहा है , हमारे देश के महा बली आल्हा ऊदल और मलखान सिंह की वीर गाथा को कोई नहीं सुनता और ना ही पढ़ाया जाता है , ये सभी पुरुष बहुत ही वीर और साहसी थे ,इन की वीर गाथा को जो कोई भी सुन ले बहुत ही आनन्द मिल जाता है ,
Tum logo ko to Singh bhi chahiye or arakshan bhi chahiye. kis tarah ki yadav Ho jo rajputo ko apna bap man rahe ho jo sarname laga ke ghum rahe ho 😂😂😂😂😂😂
@@anekpalsingh5474 Singh tmhare bap ka hai kya Sikh log nhi singh lagate h to vo bhi rajpoot ho gye kya har cast ke log singh lagate h arkshan tm log nhi le rhe ho kya
@@madhurendrayadav5525 oooe jaat o ka yadavo se koi talukaat nhi h ,,smjaja na DNA ka sbb alag h tum logo se ,,, yadavo ne bss mahabharat me saath diya jaato ka mtlb pandavo ka or kauravo kaa jaato ke vanshjj pandddv h yadav nhi ,, Bhagvaan krishn ko tum yadav kahte ho kiss base prr kahte ho be ,,bo thakur the unki real maa devaki thakur thi ,,isliye unka ak naam thakurjji bhi h ,,, or bese bhi bo kissi jaati ke nhi the bo sirff avtaari the Smjaa faltu bkchod mttt kr Bhagvaan ko bhi jaativaad me daal diya h ,,up me kya kmm krr rhe ho tum log jaativaad
@@Raosahab195 aukaat me rah krr baat krr frrrjjji yadav ,, yadav to iss duniyaa me h hi nhi ,,bo sbbb to mahabhartt me hi khtm hogye the to tum log kon ho saaf saaf bhagvtt geeta me or mahabharat me kaha gya h sabhi yadavo ka vinaas hogya smjaaa frrjji yadav ,,,tu yadav nhi guwaaala h gay charane bala jo yadavo ki gay charaya krte the ,,, sala frrrjii yadav ,,,aukaaat me rah apni me ,,ved puraan tu pddd or ak baar bhgvvt geeta bhi pdd or maha bharat bhi dekh aukaaat ptaa chl jayegi tuje teri ,,,sala gmaaar chor
आल्हा खंड काव्य के अनुसार, माहिल की 3 नहीं 4 बहन थी मल्हना, दिवला/देवकुवर, सुरजावत तथा तिलका, राजा परमाल का विवाह मल्हना से हुआ था, जिनके पुत्र का नाम ब्रह्मा/ ब्रह्मानंद था, राजा परमाल देव के सेनापति दस्सराज/देशराज का विवाह दिवला/ देवकुवर के साथ हुआ था जिनके दो पुत्र थे आल्हा और ऊदल/ उदय सिंह राजा परमाल के दूसरे सेनापति तथा सिरसा गढ़ के सामंत बच्छराज का विवाह सुरजावत के साथ हुआ था जिनके दो पुत्र थे मलखान सिंह और सुलखान सिंह, और ये पांचों चंद्रवंशी क्षत्रिय थे, महिला मामा ने इनसे ईर्षा के कारण इन्हें छोटी जाती का बताते थे, और माहिल की जो एक और बहन थी तिलका उनका विवाह कन्नौज के राजा अग्निवंशी राजपूत जयचंद से हुआ था, जिनके एक ही पुत्र थे लाखन, बाद में उदल और लाखन मित्र बने, और भाई का रिश्ता इनका पहले से ही था क्योंकि इन सब की माताएं बहनें थीं। आल्हा खंड काव्य, किवदंतियों तथा लोककथाओं के अनुसार आल्हा को बर्बरीक का, मलखान को धर्मराज युधिष्ठिर का, उदल को भीम का, ब्रह्मा/ ब्रह्मानंद को अर्जुन का, लाखन को नकुल का तथा सुलखान को सहदेव पांडव का अवतार माना जाता है।
राजपूत कुल में जन्मी आदरणीय🍃🌸 मीरा बाई जी ने स्वयं कहा है 👉_ ""मीरा के प्रभु गिरधर नागर आखिर जात अहिर रे।"" 8.))))👉🙏😊 दूसरे रसखान जी ""ताहि भर छाछ पर नाच नचावे अहिरन की छोहरिया "" हालांकि आपको मालूम होना चाहिए गोपियां ही भगवान कृष्ण के साथ रास और उनके संग नाचती थी जिन्हे रसखान जी और मीरा जी ने कलयुग में अहिर कह ही डाला यानी गोप/ ग्वाल लोग ही अहिर है इसका मतलब भगवान कृष्ण खुद अहिर गोप ग्वाल हुवे वैसे भी कृष्ण भगवान ने हरिवंश पुराण में साफ कहा है की आगे चलकर मैं गोपो/ ग्वालों के घर जन्म लूंगा 🙏जय श्री कृष्ण🙏 यदु ने कभी भी ययाति के श्राप के कारण राज्य स्वीकार नहीं किया । वे गोप थे और हमेशा गायों से घिरे रहते थे । हालांकि इनके वंश मे जाकर बहुत सारे महप्रतापी राजा हुए. 9.))ऋग्वेद के दशम मण्डल के 62 वें सूक्त की दशवीं ऋचा में देखें-- " उत् दासा परिविषे स्मत्दृष्टी गोपर् ईणसा यदुस्तुर्वशुश्च मामहे ।।ऋ०10/62/10 । 10.))और यदुवंश के सूर्य भगवान श्रीकृष्ण 'ने स्वयं कहा कि मेंने जन्म गोपों में लिया ताकि इस संसार में कुमार्ग पर स्थित हुए दुरात्माओं का दमन कर सकूँ 👇 ________________________ 11.))हरिवंशपुराण विष्णुपर्व हरिवंश पुराण विष्णु पर्व (संस्कृत) अध्याय 11 श्लोक 56-60 _______ एतदर्थं च वासोऽयं व्रजेऽस्मिन् गोपजन्म च। अमीषामुत्पथस्थानां निग्रहार्थं दुरात्मनाम्।।58।। __________________________ इसलिए व्रज में मेरा यह निवास हुआ है और मैंने गोपों में जन्म लिया ताकि इस संसार में कुमार्ग पर स्थित हुए इन दुरात्माओं का दमन कर सकूँ ।।58।। _______________________ इस प्रकार श्रीमहाभारत के खिलभाग हरिवंश के अन्तर्गत विष्णु पर्व में बाललीला के प्रसंग में यमुना वर्णन नामक ग्यारहवां अध्याय पूरा हुआ । 12.)))एक और बड़ा प्रमाण कि माँ गायत्री जी अभीर (अहीर)राजा की पुत्री थी जिन्हें साफ़ साफ़ कई पुराण, और हमारे वेदों मे भी गोप कहा गया हैं . 🍃🌹🌸👇👉👇🍃 12.a---पद्म पुराण के सृष्टि खण्ड के अध्याय १६(26) में गायत्री को नरेन्द्र सेन आभीर (अहीर)की कन्या के रूप में वर्णित किया गया है । _________________________ " स्त्रियो दृष्टास्तु यास्त्व , सर्वास्ता: सपरिग्रहा : | आभीरः कन्या रूपाद्या शुभास्यां चारू लोचना ।७। न देवी न च गन्धर्वीं , नासुरी न च पन्नगी । वन चास्ति तादृशी कन्या , यादृशी सा वराँगना ।८। ________________________ अर्थात् जब इन्द्र ने पृथ्वी पर जाकर देखा तो वे पृथ्वी पर कोई सुन्दर और शुद्ध कन्या न पा सके परन्तु एक नरेन्द्र सेन आभीर की कन्या गायत्री को सर्वांग सुन्दर और शुद्ध देखकर आश्चर्य चकित रह गये ।७। उसके समान सुन्दर कोई देवी न कोई गन्धर्वी न सुर और न असुर की स्त्री ही थी और नाहीं कोई पन्नगी (नाग कन्या ) ही थी। इन्द्र ने तब उस कन्या गायत्री से पूछा कि तुम कौन हो ? और कहाँ से आयी हो ? और किस की पुत्री हो ८। __________________________________________👉🍂🌸👉__ 12.))b ---गोप कन्यां च तां दृष्टवा , गौरवर्ण महाद्युति:। एवं चिन्ता पराधीन ,यावत् सा गोप कन्यका ।।९ ।। पद्म पुराण सृष्टि खण्ड अध्याय १६ १८२ श्लोक में इन्द्र ने कहा कि तुम बड़ी रूप वती हो , गौरवर्ण वाली महाद्युति से युक्त हो इस प्रकार की गौर वर्ण महातेजस्वी कन्या को देखकर इन्द्र भी चकित रह गया कि यह गोप कन्या इतनी सुन्दर है ! 🎇🎆 Note-__🚫💌 यहाँ विचारणीय तथ्य यह भी है कि पहले आभीर-कन्या शब्द गायत्री के लिए आया है फिर गोप कन्या शब्द । अत: अहीर और गोप शब्द परस्पर पर्याय हैं । जो कि यदुवंश का वृत्ति ( व्यवहार मूलक ) विशेषण है । क्योंकि यादव प्रारम्भिक काल से ही गोपालन वृत्ति ( कार्य) से सम्बद्ध रहे है । 👇🍂🍃👇 12.))cआगे के अध्याय १७ के ४८३ में इन्द्र ने कहा कि यह _________________________ गोप कन्या पराधीन चिन्तासे व्याकुल है ।९। देवी चैव महाभागा , गायत्री नामत: प्रभु । गान्धर्वेण विवाहेन ,विकल्प मा कथाश्चिरम्।१०। १८४ श्लोक में विष्णु ने ब्रह्मा जी से कहा कि हे प्रभो इस कन्या का नाम गायत्री है ll 🥀🌹🌸🍂🍃 12.) d----अब यहाँ भी देखें--- भागवत पुराण :--१०/१/२२ में भी स्पष्टत: गायत्री आभीर अथवा गोपों की कन्या है । और गोपों (अहीरों) को देवीभागवतपुराण तथा महाभारत , हरिवंश पुराण आदि मे देवताओं का अवतार बताया गया है l 🌸🌹🌸🍂_________________________
Alba Udal ke itihaas ko syllabus me rakhna chahiye, unhone saari ladaiyan veerta aur parakram se ladi aur kabhi bhi kishi ko dhokha nahi diya. Mera bachpan Alha Udal ki veergatha sunte sunte hi beeta. Voh bahut hi dhanya Yoddha the.
@@isindian1373 area bahi humara lalu aur aklesh koi nhi hai humara thoo kawal vasudev veer ahir shree krishna yadav sab kuch hai aur alla udal humara Dhorar hai q ki isna humara sabsa baada Dushman kaashi rajput phritivi raj chauhan ko peeta thaa pura area dost bharat ka Dhurvaag hai Jo Rajput jaisa caste ko jaalna paad raha arra Bharat mai thoo ak sai ak veer hua hai Bass yea Rajput jaati bharat ka liya kalank thaa saala ko bhagga dena chhiya desh sai daakat ko jay chand isshi rajput ka caste sai aata hai jay यसदुवंश
भारतवर्ष का यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य रहा कि तत्कालीन प्रतिकूल परिस्थतियों के उत्पन्न होने पर भी भारत के धुरंधर क्षत्रिय परस्पर एकता के सूत्र में नही बँध सके तथा इसका परिणाम यह हुअा कि विदेशी आक्रांताओं ने हमें एक- एक करके दबोच लिया एवं सैकड़ों वर्ष हमें उनकी अधीनता स्वीकार करनी पड़ी।
Being chandel rajput I feel very proud on aalah ji and udal ji because they gave their last breath for chandel kingdom. Once again jai alah jai udal jai rajputana jai yaduvansh.
@@onemanarmy7081 sudra the tera purwaj. Mughal aye toh dar se muslim ban gye. Aur aaj 😂😂😂 comment me vir ban rhe hai. Jab gazni aya toh tumhare purwaj kaha so rhe the.
उत्पत्ति आल्हा और ऊदल, चन्देल राजा परमल के सेनापति दसराज के पुत्र थे। वे बनाफर वंश के थे, जो कि चन्द्रवंशी क्षत्रिय वंश है। मध्य-काल में आल्हा-ऊदल की गाथा क्षत्रिय शौर्य का प्रतीक दर्शाती है।
@@simranyadav8336 are hamare yahan per yadav log naam se pehle Thakur lagate h hamare yahan ke log jamindaar the isliye doosri baat thakur means hota hai Swami