बेहतरीन पोस्ट। अदम साहब, दुष्यंत, धूमिल, गोरख पांडे, सर्वेश्वर, पाश सहित अनेक रचनाकार आम आदमी की आवाज़ हैं। अपने बागी जिस्म के हर घाव लेकर हम चले.. वाह!
Bhai bs ek galat info hai... Avtar Singh Sandhu (Pash), pash ko atankbadio ne nahi sarkar ne marvaya tha.. Iski kavita sun k toh youth sarkaar ke against khra ho rha tha.. Woh toh khud bagi soch k malik tha... Thanks.
मनीष जी हिन्दी कविताओं के लोगों तक पहुंचाने के लिए Hindi Kavita नाम का Channel चलाते हैं। तो शायद हो सकता है कि ऊर्दू साहित्य को लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी के साथ साझेदारी में ये Channel चलाते हों! शुक्रिया।