Shubh Sabera Sabhee Ko Pyaar Bhara Pranaam, Saath Mein Prem Se Bolo Om Hari Kee Jay, Om Hari Naam Prabhu Jee Ka, Tu Hee Krishna, Tu Hee Raam. Jay Ho Shree Raam Govind Haree Kee. Jay Ho Shree Lakshami Naaraayan Bhagawaan Kee. Jay Ho Sachchidanand Bhagawaan Kee. Jo Satya Hai. Chetan Yukt Hai. Aur Aanand May Hai. Tu Hee Niraakaar Mein Hai. Tu Hee Ghat Ghat Ka Waasee Saakaar Mein Hai. Har Jagah Tu Hee Tu Hai. Prabhu Jee Ke Rang Roop Naam Anek Chaavi Ek Hee Hai. Sabka Saath Ho. Sabka Vikaas Ho. Sabka Vishwaas Ho. Sabhee Saath Baith Hari Gun Gaabain. Sune Sabhee Ka Kalyaan Ho. Pratinidhi Sandesh Wahak Hanumaan Swaami Veer Bhaartiya Om Hari Mahaaraaj.
@@SurendraSingh-rd2sm सुरेंद्र जी जिस तरह बच्चा जिस दिन स्कूल में नाम लिखाता है उसी दिन से उसे विद्यार्थी का दर्जा दिया जाता है, जब कि उसे विद्या का अर्थ जानने में कई साल लग जाते हैं , ठीक उसी तरह सत्संग में आने वालों को महात्मा का दर्जा दिया जाता है, महात्मा का अर्थ समझने में कई साल लगते हैं ।
मुखी रामबचन जी दास आपसे पूछना चाहता है की ब्रह्म कितने है दास ने पहले 10 साल करीब निरंकारी सत्संग किया है अब संत रामपाल जी की शरण में हूं उनकी बताई सत भक्ति निमित बनकर करता हूं संत रामपाल जी ने मुझे बताया है की ब्रह्म तीन हैं ब्रह्म,परब्रह्म, और पूर्ण ब्रह्म। दास को पहले नही पता था कि ब्रह्म तीन है ये बात सत्गुरु रामपाल जी ने दास को बताई है ।
आदरणीय भाई साहब जी, जब से ये संसार बना हैं तब से ले कर आज तक और आगे भी एक ही ब्रह्म हैं,था और रहेगा। इसलिए कहा एको ब्रह्म द्वित्यो नास्ति की एक ही ब्रह्म हैं कोई दूसरा नहीं इसलिए कहा ब्रह्म की प्राप्ति,भ्रम की समाप्ति। इसी एक ब्रह्म को ब्रह्म,पूर्ण ब्रह्म,परब्रह्म कहना ऐसे हैं जैसे पानी को जल,H2O,Water और नीर कहना।
धन निरंकार जी 🙏. ब्रम्ह ज्ञानी का सगल आकार, ब्रम्हज्ञानी आप निरंकार. आत्मा निराकार है. इसका नाश नहीं होता. ये अमर अजर है. शरीर का नाश होता है. मैं आत्मा हूँ. शरीर नहीं.