पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी ने इस विडियो में भुई आंवला के बारे में बताये हैं |
लीवर की परेशनी में भुई आंवला अत्यंत ही गुणकारी हैं जिनको लीवर की परेशानी हैं Bilirubin बढ़ा हुआ हैं पीलिया रोग हैं वे भुई आंवला के पंचांग { फल जड़ टहनी फुल व पत्ती } का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पियें इससे लीवर की सुजन व लीवर बढे होने की परेशानी जल्द दूर हो जायेगी जिनको पीलिया की शिकायत हैं वे भुई आंवला के सूखे पंचांग { फल जड़ टहनी फुल व पत्ती } को सुखाकर 3 ग्राम पाउडर का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पियें इससे पीलिया में जल्द ही आराम मिल जायेगा भुई आंवला पीलिया के लिये बहुत ही लाभकारी हैं जिनको लीवर की परेशानी नही भी हैं वे यदि एक माह तक भुई आंवला का काढ़ा बनाकर सेवन करे तो पुरे वर्ष लीवर की परेशानी नही होगी |
हैपीटाईटिस बी में भुई आंवले का प्रयोग - यकृत - शोथ { Hepatitis B
} जैसी भयानक व्याधियों के लिए यह रामबाण औषिधि हैं इसके लिए भुई आंवले के पंचांग श्योनाक की छाल व पुनर्नवा मूल को मिलाकर पाउडर कर काढ़ा बनाकर सेवन करे यदि भुई आंवला ताजा मिल जाये तो उसके रस का सेवन करे लाभ होगा भुई आंवला यकृत शोथ के लिए बहुत ही लाभकारी हैं |
जिनको मुंह में छाले हो मसूड़े पक रहे हो वे भुई आंवला की पत्तियों को चबाये कुछ देर चबाने के बाद उसे निगल भी सकते हैं इससे जल्द ही मुंह के छाले ठीक हो जायेंगे मुंह के छालो के लिए भुई आंवला का प्रयोग बहुत ही लाभकारी हैं |
जिन महिलाओं के स्तन पर सुजन हैं गांठ हैं वे भुई आंवला को पीसकर पेस्ट बनाकर स्तन पर लेप करे इससे स्तन की गांठ व सुजन में आराम मिलेगा स्तन की सुजन व गांठ के लिए यह बहुत ही लाभकारी हैं |
जलोदर जैसी भयानक व्याधि के लिए भुई आंवला रामबाण हैं लम्बे समय तक जलोदर की बिमारी कैंसर में तब्दील हो सकती हैं लीवर खराब होने से लीवर की कार्य प्रणाली ठीक न होने से जलोदर जैसी बिमारी { पेट फूलना व पेट में पानी एकत्र होना } में भुई आंवला का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पियें भुई आंवला को सुखाकर दरदरा पाउडर कर 5 ग्राम पाउडर को 400 ग्राम पानी में पकाये जब वह एक चौथाई बच जाये तो उसे छानकर सुबह शाम पियें जलोदर की गम्भीर अवस्था में 1 ग्राम सोंठ का पाउडर व आधा ग्राम कुटकी को भुई आंवले के काढ़े में मिलाकर सेवन करे सोंठ व कुटकी को खाकर भी काढ़े को पी सकते हैं इससे जलोदर में लाभ होगा जिनको भयानक खांसी हो ठीक न हो रही हो वे तुलसी की पत्तियों व भुई आंवले का काढ़ा बनाकर सुबह शाम नियमित रूप से पिये इससे पुरानी खांसी में आराम मिलेगा खांसी के लिए यह बहुत ही लाभकारी हैं प्रमेह व प्रदर रोग के के लिए भुई आंवला बहुत ही गुणकारी हैं जिनको प्रमेह की बिमारी हैं प्रदर रोग हैं वे भुई आंवले के पाउडर को दूध के साथ सुबह शाम सेवन करे इससे प्रमेह व प्रदर रोग में आराम मिलेगा मधुमेह के रोगियों के लिए भुई आंवला बहुत ही लाभकारी हैं इसके लिए भुई आंवला में थोड़ी कालीमिर्च मिलाकर पाउडर बनाकर सेवन करे इससे मधुमेह में लाभ होगा जो मधुमेह के रोगी हैं घाव नही भरता हैं वे भुई आंवला को बारीक़ पीसकर यदि घाव व चोट पर रखते हैं तो इससे जल्द ही घाव भर जायेगा जिनको खुजली हैं पुरे शरीर में खुजली होती हैं वे भुई आंवला को पीसकर खुजली वाली जगह पर लगाये इससे कुछ दिनों में खुजली की शिकायत दूर हो जायेगी जिनको बुखार के बाद भूख कम लगती हो उनके लिए भुई आंवला रामबाण हैं इसके लिए भुई आंवला मुलेठी व गिलोय को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पियें इससे जल्द ही पुराना बुखार उतर जायेगा और भूख भी लगने लगेगी जिनको अल्सर की शिकायत हैं Ulcerative colitis हैं उनके लिए भुई आंवला अत्यंत ही लाभकारी हैं इसके लिए दूब घास व भुई आंवला को जड़ सहित उखाडकर धोकर पीसकर रस निकालकर आधा कप रस को पियें इससे आंतो के संक्रमण Ulcerative colitis और अल्सर की शिकायत दूर होगी इससे रक्तस्राव जल्द ही ठीक हो जायेगा |
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25 апр 2014