How can i forget you man The Gurnazar...when i was in pain 🎧🎶Avein Rusiya na kar meri soniye 2× K tere bajo koi v nai mera K tere bajo koi v nai🎶🎧 Jisey yaad ho yeh song do like...🤩😉
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
Mere pass aapka.no nhi pr mai chahti hu ki ek baar kbhi future baat ho mile to bataye ki aap mujhe kitna pasand h or mai kitni badi fan hu.. #GurnazarChattha
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है
अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है मोहब्बत किसी और से की थी JAANI दिल किसी और से लगा बैठे है जिसने मुझे कभी पागलों की तरह चाहा था कुछ गलतियों खातिर उसे गवा बैठे है जिसके के लिए कभी जान हाज़िर रहती थी आज उसकी आँखों से समंदर बहा बैठे है JAANI उससे बेशर्मीयां खुद करी थी और बेशरम उसे बता बैठे है जो कभी रहती थी हमारी बाहों में आज क़िस्मत उसे किसी और की बना बैठे है जो कभी मेरी खुशी बनके रहती थी आज उसके बिना रातों को तन्हा बैठे है जो दिल कभी उसके लिए धड़कता था उस दिल में किसी और को ला बैठे है राहों में फिर भी कभी कभी मुलाक़ात हो जाती है पर कैसे बात करूं जो उसे इतना सत्ता बैठे है माफ़ी के लायक़ रहे ना हम उसका दिल इस क़दर दुखा बैठे है उसे वापिस लौट आने के लिए कैह नहीं सकते वोह ऐसे मेरी ज़िन्दगी से जा बैठे है जिससे वादे तो jannat दिखाने के थे पर उसे साँसे चलते हुए भी मौत की देहलीज़ दिखा बैठे है अपनी बेवफ़्फ़ाइयों की वजह से आज दिल पे चोट खा बैठे है