नानक की प्रभ बेनती अपनी भगति लाए सतनाम श्री वाहेगुरू जी मैं तान दीवान तू है मेरे मैं तुध आगे अरदास मैं होर थाई ना करू बेनती मेरा दुःख सुख तुध ही पास वाहेगुरू जी सिमर सिमर नाम जिवा तन मन होए निहाला चरण कमल तेरे तोए तोए पिवा मेरे सतगुरु दीन दियाला वाहेगुरू जी चरण तुड़ तेरी सेवक मांगे तेरे दर्शन को बलिहारा वाहेगुरू जी नारायण नतपत नमस्कार वाहेगुरू साहिब जी