#Biharkatajmahal #Shershahtomb #ShershahsuriTomb #SasaramHeritage
#Biharkatajmahal #Shershahtomb #ShershahmaqbaraSasaram
BIHAR KA TAJMAHAL | बिहार का ताजमहल | Sher Shah Suri Maqbara Sasaram Bihar
ऐसा कहा जाता है कि प्रसिद्ध अफगानी वास्तुकार मीर मोहम्मद अलीवालाग खान द्वारा डिजाइन किया हुआ अष्टकोणीय मकबरा का निर्माण शेरशाह सूरी के शासनकाल 1440 और 1445 ईस्वी के बीच शुरू हुआ था. शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद उनके बेटे इस्लाम शाह के शासनकाल के दौरान 1945 में इसका निर्माण पूरा कराया गया।
इतिहासकार बताते हैं कि जब शेरशाह सूरी बिहार का सर्वे सर्वा बने तो सबसे पहले उन्होंने अपने पिता हसन शाह सूरी के मकबरा का निर्माण करवाया जो सुखा रौज़ा के नाम से भी जाना जाता है. उसके बाद दिल्ली का सल्तनत संभालने के बाद उन्होंने अपने मकबरे का निर्माण करवाना शुरू किया. लेकिन कालिंजर युद्ध के दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट से शेरशाह की मौत के बाद इस मकबरे का निर्माण कार्य इनके बेटे इस्लाम शाह ने पूरा करवाया।
सूरी वंश के संस्थापक शेरशाह सूरी का जन्म पंजाब के रजवाड़ा नामक स्थान पर हुआ था. उनके बचपन का नाम फरीद खान था. शेरशाह बाबर के लिए सेना का काम करते थे. उनकी कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व को देखते हुए बाबर ने शेरशाह को सेनापति बना दिया, उसके बाद उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया. 1940 ईस्वी में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराकर भारत राज्य पर आधिपत्य जमा लिया।
शेरशाह सूरी ने अपने शासनकाल के दौरान अनेकों बेहतर कार्य किए. रुपए का चलन शेरशाह के साम्राज्य में ही शुरू किया गया. साथ ही साथ डाक व्यवस्था को भी सुदृण किया. शेरशाह सूरी ने ही अपने शासनकाल में काबुल से लेकर बांग्लादेश तक लंबी सड़क का निर्माण करवाया, जिसे आज ग्रैंड ट्रंक रोड के नाम से जाना जाता है. सासाराम में आज भी शेरशाह शुरी का मकबरा सूरी वंश के इतिहास को समेटे हुए 52 एकड़ में फैले तालाब के बीचो-बीच मौजूद है. जिसे देखने के लिए प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं और इसे देख दूसरे ताज महल की उपाधि देते हैं!
#ShershahsuriTomb #SasaramHeritage #Gyanvikvlogs #शेरशाह_सूरी_मकबरा #BiharHerirage #TombofShershahSuri
31 июл 2023