1925-2025 संताली संथाली ओलचिकी लिपि को आविष्कार हुए 100 साल हो जायेगा लेकिन इन 100 सालों में संताली संथाली ओलचिकी लिपि से पढ़ाई शुरू नहीं हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन सरकार या संताली संथाली ओलचिकी भाषा वाले लोग जो अपने भाषा के प्रति जागरूक या दूरदर्शिता नहीं रखते है
संताली संथाली ओलचिकी लिपि 1925 में पंडित राघुनाथ मुर्मू ने आविष्कार किया था 2003 में भारत सरकार ने संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल किया था 2025 में संताली संथाली ओलचिकी लिपि को आविष्कार हुए 100 साल हो जायेगा लेकिन इन 100 सालों में संताली संथाली ओलचिकी लिपि से पढ़ाई शुरू नहीं हुआ और न ही संताली संथाली ओलचिकी लिपि से न्यूज चैनल या कोई चैनल शुरू नहीं हुआ तथा किसी राज्य की राजभाषा भी नहीं बना तो इसका जिम्मेदार कौन सरकार या संताली संथाली ओलचिकी भाषा वाले लोग जो अपने भाषा के प्रति जागरूक या दूरदर्शिता नहीं रखते है