ऐसा लगता है कि दीदी ही यह मामला बड़ा कर पेश कर रही हैं। जबकि बात कानूनी कार्रवाई, ओर समाज में ही बात को ख़त्म हो ने तो है लेकिन दीदी और भैया लोग फ़िर मामला उछाल देते है। फ्रेश बुक यू ट्यूब पर ठीक नहीं है 🙏🙏🙏
पूरे जनसमुदाय के विरुद्ध जाकर इस प्रकार सच के साथ खड़े रहने वाले पत्रकारों को प्रणाम। आशा है आगामी दिनों में आप दोनों पक्षो की वास्तविकता को प्रस्तुत कर पाए जिससे भक्त गण सत्य और असत्य पहचान पाए
क्या है इन पत्रों में?किस तरह के पत्र है? समाज को पता चलना चाहिए। मीडिया उजागर करे।writing expart से जांच करवानी चाहिए। आज के दौर में तकनीक का इस्तेमाल करके सच उजागर करना चाहिए। व्यर्थ में विवाद को नही बढ़ाना चाहिए। उच्चस्तरीय जांच हो। आस्था से खिलवाड़ न करें
जो भी षड्यंत्र आचार्य विद्यासागर जी के खिलाफ किया गया सर्व प्रथम उसे उजागर करना चाहिए, जिसके लिए ब्रा. रेखा जैन जी dsp को परेशान किया जा रहा है। क्यों लोग सच को बाहर आने से रोक रहे है, जिन्होंने गुरु निंदा जैसा भीषण पाप किया उसे सागर समाज क्यूं साथ दे रही है। एक बार रेखा दीदी की बात व उनके द्वारा एकत्रित किये गए तथ्यों को भी सभी देखे व फिर फैसला करें।
पहले वाला वीडियो सही है और बाद वाला वीडियो जरुर दबाव में बनाया गया है जिसमें वह किसी के दबाव में पड़कर बोल रहा है। क्योंकि जिस दिन इसको पुलिस पकड़ कर लाई थी उस दिन महरौनी समाज के अध्यक्ष,मंत्री सहित कई और अन्य समाज के लोग पुलिस के सामने मौजूद थे। समाज जन व जिन पर ये बाद वाले वीडियो में आरोप लगा रहा उनके कई बार निबेदन करने पर पुलिस ने इसको छोड़ा था। आज पैसों की लालच में बयान बदलने लगा और तो और साधुओं के भी नाम तक बुलवा डाले,पता नहीं ये औरत क्या चाहती है।
काम ऐसा हो जिससे अप्रभावना ना हो यू ट्यूब पर चलाने से निर्णय नहीं मिलेगा यहाँ जैनेतर लोग भी देखते हैं । जिसको जिससे परेशानी है उनको आपस में बैठाकर निर्णय करायें तो अच्छा रहेगा । समाधान भी जल्दी और समाज के बीच में हो जायेगा अप्रभावना भी बचेगी। ऐसे वीडियो हमारी फूट को प्रचारित कर सकते हैं निर्णय नहीं करा सकते ।
इसके पास 18 सिम और हर महीने इफोने तोड़ता था।साथ ही दोस्तों के खाते में 60,000 70,000 रुपये कई बार मनवाए।ये कौन दिखायेगा।पहले पूरी बात को पता करो।मीडिया में रहने का मतलब ये है कि सच सामने रखा जाए।और पहला वीडियो पुलिस के सामने नही उसके है घर का वीडियो है।उसके बड़े भाई ने बनाया है इसके भी सबूत है।उन्होंने खुद लोगों को व्हाट्सएप्प किआ है।
आचार्य श्री के मुनियों और ब्रह्मचारियों द्वारा एक ही नाम सुधासागर जी का नाम बार बार आता है। इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है क्योंकि सुधा सागर जी महाराज के आस पास हमेशा गुंडों का जमावड़ा रहता है ये मैने प्रत्यक्ष देखा है।
पत्रकार जी मुझे यह बताओ कि अभिषेक पर ही दबाव क्यों बनाया गया। किसी और पर क्यों नहीं बनाया गया। उन्हें ही क्यों प्रताड़ित किया गया। क्या उनसे ललितपुर वालों की कोई जातीय दुश्मनी थी। और आप कह रहे हैं कि वह ब्रह्मचारी भी हैं। दूसरा वीडियो सही है और बिना दबाव के बनाया गया है इसकी गारंटी आप किस आधार पर ले रहे हैं, क्या आप भी इस षडयंत्र में शामिल हैं। वरना गलत बात की इस तरह गारंटी कैसे ले सकते हैं।