बहुत ही शानदार गायन और बोल। फुला दी बहार राती आयो न, शावा राती आयो न फुल गए कुम्लाह गोरी मन भायो न आसे पावा पासे पावा विच विच पावा कलियाँ जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब गलियां इक मेरा रांझन आया - शावा दिल दा चानन आया - शावा खिड़-खिड़ हस्सी आई - शावा मन विच मस्ती आई - शावा इस मेरा लाल चुराया - शावा लाल गोपाल चुराया - शावा राती आयो ना फुला दी बहार राती आयो न, शावा राती आयो न फुल गए कुम्लाह गोरी मन भायो न आसे पावा पासे पावा विच विच पावा रेशम जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब स्टेशन आसे पावा पासे पावा विच विच पावा खेस जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब देश आसे पावा पासे पावा विच विच पावा कैर जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब शहर आसे पावा पासे पावा विच विच पावा शरबत जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब पर्वत आसे पावा पासे पावा विच विच पावा मेथे जे मेरा रांझन ना आया मैं ढूंढ फिरा सब ठेके
Satyameva Jayate: Truth and Honesty and Reality gets created when Good Thoughts, Good Deeds, Good Acts are allowed to achieve the small steps needed for the correct choices and correct decisions to be made. My Bharat, My India, My Punjab and the joy of Winter nights in front of a bonfire. Lyrics that bring back that nostalgic moments this far away from homeland. Satyameva Jayate