इस फ़िल्म का संदेश काफी खूबसूरत है कि कैसे आधुनिक विकास के नाम पर हमने असली भारत को नष्ट कर डाला। अपनी सभ्यता , संस्कृति, भाषा, पहनावा, अचार विचार सब कुछ बदल डाला। हम पूरी तरह अंग्रेज हो गए। इस फ़िल्म का संदेश अगर जो समझ रहे हैं, उन्हें कम से कम कमेंट तो हिंदी में करना चाहिए था।
फिल्म बहुत अच्छा लगा। यहां हमारा झारखंड में सबसे बड़ा जंगल सरांडा का उल्लेख किया है। और पूरा आदिवासी परिवेश में गरीबों को प्रतिबिंबित किया गया है। इस फिल्म को हर आदिवासी और भारतीयों को देखना चाहिए। साथ ही पूरखों द्वारा विरासत में मिली जल जंगल जमीन और 5वीं अनुसूचित जनजाति क्षेत्र को बचाने की दिशा में आगे आना चाहिए। आदिवासी छात्र संघ नगड़ी प्रखंड-उपाध्यक्ष/ऐतिहासिक 22 पड़हा समिति चेटे-महासचिव रांची/सामाजिक स्वास्थ्य सलाहकार/स्वतंत्र युवा पत्रकार।
सच में यह कहानी मुझे भावुक कर दिया। इस कहानी में पूरा सच्चाई हैं। यह कहानी सम्पूर्ण भारतीय को देखना चाहिए। गांव में इंसान सिर्फ़ 2 घंटे काम करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर लेता है, पर शहर में 12 घंटे काम करने के बाद भी शांति नहीं हैं। अब मुझे पौराणिक जीवन जीने का मन कर रहा हैं।
फ़िल्म देखकर भावुक हो गया। वाकई इस फ़िल्म ने आधुनिक विकास की सच्चाई दिखा दी।किस प्रकार इस आधुनिक विकास ने हमारे वास्तविक भारत को खत्म कर दिया। हर भारतीय को यह फ़िल्म देखनी चाहिए।बहुत सुंदर संदेश दिया है इस फ़िल्म ने।
बहुत ही अच्छा सीन रहा,बाहर के लोग आकर गांव को जात पात मे साल भर के लिए हि बांट पाये बैद मुखिया के आते ही गांव तो एक हो गया ,, लेकिन भारत देश कब एक होगा, क्या यह सिख भारत देश को नहीं होगी , बहुत ही सुंदर रचना है फिल्म की,.
इतने लोगों को यह फ़िल्म पसंद आयी पर दुर्भाग्य देखिये की वो सारे के सारे अंग्रेजी में अपनी राय दे रहे हैं, प्रशंसा कर रहे हैं, काश फ़िल्म देखकर इसका संदेश तो समझ जाते।
@@RakeshSharma-sq1si दिक्कत है क्योंकि अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है हमारे यहाँ जब इतनी भाषाएं मौजूद है तो फिर फिर अंग्रेजी क्यों? अंग्रेजी भाषा से दिक्कत नहीं है पर इस अंग्रेजी के कारण लोग अंग्रेज अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं, अपनी ही भाषाओं को भूलते जा रहे हैं यह दिक्कत है।अंग्रेजी के कारण हो सकता है कि भविष्य में भारतीय भाषाओं के अस्तित्व पर संकट आ जाये। अंग्रेजी सीखना बुरी बात नहीं है पर अपने देश की भाषाओं को उपेक्षा की दृष्टि से देखना बुरी बात है
@@tribhuvan900 और हिंदी रै कारण किती भारतीय भासावां खतम हू री है? कोई अंदाजो है? उत्तर भारत री सगळी भासावां मर री है? बिण रो कारण? जगत जननी संस्कृत भी खतरे माय है, कारण काई? अंग्रेजी कोनी |
इस मूवी मे सच्चाई है छिपी है इस मूवी जिसने भी देखा है वो हर इन्सान कि कदर करना सीख गया होगा तो हिन्दू मुस्लिम नहि करना अब आज भी जिन्दा है भारत इन्हीं दो नामो के बीच हम जैसे गांव वालो के दिलो मे 𝑻𝒐 𝒈𝒚𝒔 𝒑𝒍𝒍𝒛𝒛 𝒂𝒑 𝒍𝒐𝒈 𝒉𝒊𝒏𝒅𝒖 𝒎𝒖𝒔𝒍𝒊𝒎 𝒌𝒓𝒌𝒆 𝒎𝒕 𝒍𝒅𝒐 𝒏𝒆𝒕𝒂 𝒍𝒐𝒈 𝒉𝒎𝒓𝒆 𝒔𝒂𝒕𝒉 𝒌𝒉𝒆𝒍 𝒓𝒉𝒆 𝒉 𝒃𝒔𝒔 𝒉𝒎𝒂𝒓𝒆 𝒈𝒉𝒂𝒓𝒐 𝒌𝒂 𝒓𝒊𝒎𝒐𝒕 𝒏𝒆𝒕𝒂𝒐 𝒐𝒓 𝒑𝒐𝒍𝒊𝒄𝒆 𝒓𝒔𝒔 𝒋𝒂𝒊𝒔𝒆 𝒐𝒓 𝒎𝒊𝒅𝒆𝒂 𝒋𝒂𝒊𝒔𝒆 𝒈𝒖𝒏𝒅𝒐 𝒌𝒆 𝒉𝒂𝒏𝒕𝒉𝒐 𝒎𝒆 𝒉 𝒂𝒑𝒏𝒆 𝒅𝒆𝒔𝒉 𝒌𝒐 𝒃𝒄𝒉𝒂 𝒍𝒐 𝒔𝒃 𝒎𝒊𝒍 𝒌𝒓 𝒕𝒖𝒕 𝒓𝒉𝒂 𝒉 𝒃𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 𝒔𝒃 𝒍𝒐𝒈 𝒔𝒃 𝒍𝒐𝒈 𝒏𝒂𝒇𝒂𝒓𝒂𝒕 𝒌𝒐 𝒌𝒉𝒂𝒕𝒂𝒎 𝒌𝒓 𝒌𝒆 𝒂𝒌 𝒉𝒐𝒌𝒓 𝒃𝒂𝒄𝒉𝒂𝒐 𝒍𝒐 𝒃𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 𝒕𝒃 𝒃𝒂𝒄𝒉 𝒑𝒂𝒚𝒆𝒈𝒂 𝒂𝒃 𝒃𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 🙏🙏🙏
ये फिल्म समझ में आ गई तो खुद पर और आने वाली नस्लों पर अत्याचार करना बंद कर दोगे। कई बरसों में कोई फिल्म ऐसी आई है, जिसे देखने के लिए हिम्मत... जुटानी पड़ी है.
बहुत सुंदर ।वास्तविक चित्रण। बैंकों का मायाजाल पूरी दुनिया को घेर लिया है। बैंकों का मायाजाल पुस्तक भी पढ़ना चाहिए। किस प्रकार बैंकर्स ने पूरी दुनिया को गुलाम बना के रख दिया है इस पुस्तक में भी यथार्थ रूप में दर्शाया गया है।
इस फिल्म को सभी को देखना चाहिए गांव को गांव ही रहने दे मुझे याद है जब मै छोटा था तब मेरे गांव में होली दीवाली सभी त्योहार मिल जुल कर मनाए जाते थे और होली दीवाली पर सभी लोग एक दूसरे के घर जा कर आशीर्वाद लेते थे लेकिन अब कोई किसी के घर नही जाता जितना हम आधुनिक होते जा रहे हैं उतना ही हमारी खुशियां छिन जा रही हैं एक समय था जब गांव में चिड़िया के चहचहाने से नींद खुलती थी अब पता नही कहा चली गई सारे बाग भी काट दिए गए जहा कभी सावन में झूले पड़ते थे सबके पास टाइम था लेकिन अब 😢😢😅
वैश्वीकरण का काला चेहरा दिखाती यह फ़िल्म। लेकिन अब भारत इस वैश्वीकरण के जाल में इस तरह फस गया है कि इससे बाहर निकलना नामुमकिन है। हा अगर जनता इस बात को समझ जाए और अपनी दिनचर्या, अनुशाशन और व्यवहार में बदलाव लाये तो कुछ हद तक संभव है कि इस मायाजाल से हम मुक्त रहें।
हर व्यक्ति इस मूवी को शेयर करें हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पे। मुझे लगा था की गांव जब बैंक से लोन लेगा तो आधुनिकता (अर्थात शहर/जिला) बनने कि ओर अग्रसर होगा परंतु अंत बोहोत अलग था और मुझे व्यक्तिगत तौर पे बोहोत प्रभावित भी किया।
बहुत ही शानदार फिल्म है यह आज हम सब धीरे धीरे कैसे गुलाम बनाए जा रहे हैं यह सब इस फिल्म में दिखाया गया है और इस फिल्म ने जो संदेश दिया है वह बहुत ही प्रेरणादाई है और इस संदेश को हम सभी को लेकर आगे बढ़ना होगा और अपने किसान कबिलाई को बचाने के लिए गांव को बचाना होगा इसीलिए मैं हमेशा से कहता हूं शहरों में इंसान बसते हैं और गांवों में इंसानियत जय जोहार
फिल्म बनाने वाले निर्माता -निर्देशक तथा टीम को धन्यवाद। निर्माता से मेरा आग्रह है कि ईट भट्ठा में काम करने वाले मजदूर जो कि झारखंड से अन्य राज्यों में जाते हैं उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, दर्शाता है । किस तरह से वह अपने ही राज्य में रोजी- रोजगार करें आप इस पर एक फिल्म बनायें।
इस मूवी में हमारी वर्तमान स्थिति और हमारी वर्तमान शिक्षा के हालात और बेंक हमे किस तरह लूट रहे है और हम किस विनाश की और गति कर रहे है यह बताया जा रहा है तो अब जागने की ओर समझने की जरूरत है हमे हमारी जरुरते को पहचानना होगा और प्रकृति के नियम अनुसार कार्य करके हम सब सुखपूर्वक जी सकते है 🤗
Is movie illuminati ke bare bataya gya hai jinhone puri duniya ko gulam bana rakha hai research karo youtube pe jaake bhartiye pariwar chenal par jao or video dekho
फ़िल्म देख कर तो बहुत अच्छा लगा गाना भी बहुत अच्छा था ❤दिल पर लग गया गाना ❤ भारत की पहली फ़िल्म है जो रियल में सच है दिल से सलूt 🙏है फ़िल्म बनाने वाले को आज देखी फ़िल्म डेट 31/12/ 2023 😊 नया साल मुबारक हो 😊सभी को
Gaon Mera bahut heart touching movie Rona agaya koi kisi ka nahi hai aaj ke daur me... hamari sanskriti ko ham sab gaon Wale hi bachyenge 🇮🇳. Radhe Radhe
No words for this movie .... Honestly ending was epic.. . Mere ankho se ansuu a gye last scene dekh ke 💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳mera BHARAT mera GAON 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💐JAI HO BHARAT MATA KII🇮🇳🇮🇳💐💐💐💐
प्रसिद्ध इसीलिए नहीं मिलती अगर यह फेमस होकर सब लोग के सामने आ गई तो जो कई सालों से विश्व को गुलाम बनाने में लगे हुए हैं उनकी मेहनत फालतू बेकार चली जाएगी
❤️दिल को छू लेने वाली इस फिल्म के सभी किरदारों को सत-सत नमन🙏 @क्यों एक शहर कोई गांव नही बनता ? - क्योंकि गांव में जो सुकून है वो शहरो में नही मिल सकता क्योंकि गांव हूं मैं ❤️
मेरे ख्याल से इस मूवी को 3 सालों में सिर्फ 666लोगों का ही कॉमेंट मिला है अगर अगर बहुत सारे लोग इसको देखा होता तो बिना कमेंट दिए नहीं गया होता मुझे इस फिल्म ने बहुत ही भावुक कर दिया है बहुत दिनों के बाद में एक अच्छी मूवी देखा हूं अभी पठान मूवी के युग में यह वाला मोहिनी मेरे दिल को छू लिया है धन्यवाद इस मूवी के डायरेक्टर प्रदूषण राइटर और सभी लोगों को
मैं यह फिल्म 19/01/24 को देख रहा हूं लेकिन यह भारत के लिए बहुत दुखद है मैं भारतीय संस्कृति की शिक्षा को भूलता जा रहा हूं बहुत दुख की बात है गांव स्वर्ग है ❤
Hum kya the aur hum ab kya hogaye...humne un theory pe JEENA sikh liya jo humara kabhi tha hi nahi.Kher,shukriya sabhiko jinhone ae movie banai..aap aise movie banate rahiae jissae logo ko sochne pe majbur kare...JAI HIND!
(फिल्म -गांव) जिसमे कैसे कुछ लोग देश दुनिया से कट कर आराम से जीवन बिता रहे होते है।फिर एक शहरी बाबू आते है। लोगो को आधुनिक तकनीक से जोड़ते है।बैंक से पैसा दिलाकर कैसे उनका जीवन नर्क हो जाता है । लोगो में दूरियां बढ़ जाती है। जो आज की वास्तविक सच्चाई भी है। बहुत पहले यह फिल्म देखा था। जो धरातल की सच्चाई बताती है। इस सीन में आज की मेटेरियलिस्टिक जीवन को दुख का कारण बताया गया है।जो सही भी है।आज अधिकांश समस्या की जड़ भी।
अंग्रेज चले गये पर अंग्रेज की संस्कृति रह गयी । दुनिया के इस चकाचौंध लोग गांव को छोड़ के शहर मे रहना पसंद करते पर गाव को गाव ही रहने दे तो ज्यादा बेहतर है आज पड़ोस, पड़ोसी को नाही जानता ।
भारत के मूल सभ्यता और संस्कृति की ओर प्रेरणादाई फिल्म निर्माण के लिए धन्यवाद। मानवीय समाज के लिए यह शिक्षाप्रद फिल्म कई मुद्दे को ओर ध्यान दिलाता है। फिल्म निर्माण के लिए पूरी टीम को पुनः आभार । नित्य मंगल कामना सहित।
Perfect Movie.. Gaoon ki is life best life. movie yahi btatai hai k wo sab log kitnay skaoon say rehty mobile tv or bahir k logon say bach k. banking or loan system nay logon ki zindage ko disable bana dia hai. best Movie.
शायद इसलिए भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था गांव को छोड़कर लोग पैसा कमाने के लिए शहर आते है और साथ ही अपनी खुशियों को छोड़कर भी आते है और यही पैसा लोगों में अमीरी गरीबी भेद कराता है लेकिन गांव में लोग मिल झुल कर भाईचारे के साथ रहते है 🙂
Truly a unique theme and an incredibly tranquil movie. While nobody may afford to cut off from the compulsions of materialistic world, once in a while everyone becomes acutely aware of being held hostage to consumerism, academic degrees, social status, fame, etc. A fantasy, but brilliantly produced, directed and depicted. Keep it up!
what an amazing movie... I can't resist my self from a written comment. It shows the beauty of hinds' traditional lifestyle and how we lost that. very true and inspiring.!! its never too late to return to nature.... have to make move
I am immensely grateful to each and every one of you for the overwhelming love and support you have showered upon this film. Countless hours of dedication and effort have been poured into its creation, and your unwavering adoration for this project fills our hearts with joy and gratitude. Your words of encouragement have a profound impact, reminding us of the significance of our labor. Thank you sincerely for being such an incredible source of motivation and appreciation - Gautam Singh Sigdar, Director/Producer - Gaon
इस फिल्म को देखकर हमें अपने पुराने गांव की याद आ गई पहले हमारा गांव कैसा था आज कैसा है हमें बहुत दुख होता है लिखने को बहुत कुछ है लेकिन लिख नहीं पा रहा हूं।
Life turning lesson that if we lose our natural lifestyle and run for the glitter of modern days, we might loose the real of us!! It's never too late to return to nature!!!