लघुकथा- गर्दिश
कथा-पटकथा- अतिया बानो
निर्मात्री- मोनिका आर. विष्ट
निर्देशन एवं संकलन- गुरबीर सिंह ग्रेवाल
ये कर्ज का मुकद्दर है मेरे दिल पर मुहर की तरह लग गई | शायद यही नियति थी और यही अंजाम | एक बड़े सरकारी ओहदे पर आसीन ठाकुर ओंकार सिंह का बेटा शेखर सिंह को कहाँ ये पता था कि एक दिन उसके बचपन का दोस्त शामू इसतरह कालापानी की सजा काटकर उसके सामने उनकी सेवा करने के लिए आयेगा | जो गुनाह शामू ने कभी की ही नहीं उसकी सजा कालापानी शायद यही आग उसे तपाए रखती थी | लेकिन सच्चाई जानकर शामू को कहाँ ये पता था कि उसका बचपन का दोस्त शेखर सिंह अपने गुनाह का पश्चाताप इस तरह करेगा...अतिया बानो की कहानी दो ज़िन्दगियों के बीच की कश्मकश और रिश्तों को बखूबी दिखाती है |
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1 апр 2022