Dube ji beshak aap ek mahan kavi hain,lekin umra k padaw ka dhyan den,aor ashlil wad sanwad na kren,maryada ka lihaj kren,atithi ka adar aor unhe mauka den,
माइक धरे हस तेकर ये मतलब नई चटर चटर बोलत रहु दुबे जी और कुछ भी बात करत रहु डबल मीनिंग म साँप बिला का हरे , कवि सम्मेलन हरे की चौक म बइठे टुरा मन के बकरगिरी कुछ भी बात चीत परोसत हव
सुरेंद्र दुबे जी जरूरत से ज्यादा बकवास करते है कवयित्री को तो बोलने मौका नही दे रहा है। मुझे इनका व्यवहार अच्छा नही लगता बीच बीच मे जरूरत से ज्यादा टोंक रहे है,इतने शिक्षित होने के बावजूद थोड़ा व्यवहार नही लग रहा है मुझे। गलत लगा हो तो किसी को मुझे माफ़ करना,कह तो दे रहा हु लेकिन दुबे जी सामने कुछ भी नही हु।लेकिन सच कह रहा बर्दास्त से ज्यादा बकवास कर देते है वक्त में।