तुम्हें कैसा लगा दरबार का लहजा,,,, मुझे तो चुभ गया दो चार का लहजा! अगर कहते हो चलने को तो चल देंगे, मुझे मालूम है मक्कार का लहजा!!! उसे मत छेड़िए जो इश्क में हारा,, बदल जाता है उस बीमार का लहजा! मुझे जो दर्द खंजर से नहीं होता,, मुझे उतना चुभा है यार का लहजा!!! वो मेरी बात माने या ना माने पर,, बदलना चाहिए इंकार का लहजा!!!
हाशिम भाई खूब सारा हगा है आपने, जुलाब की गोली खा कर घूम घूम कर हगा है आपने। शायरी की इज्ज़त लूट ली आपने । लानत है। दुबई मुशायरा में कैफे आज़मी से लेकर अमृतांशु तक सुना इतना बकैती कोई नहीं किया। वो भी शेर भी दो कौड़ी का इतना कांफिडेंस आता कहा से है। लाखों लाख लानत
Insaan marta h parr uska rutba,aura hamesha jinda rahta h.....ek Rahat shab gaye.....Rahat shab gaye nahi hain....unke riyasat unke peeche khade h..., love Rahat Shab❤❤❤❤
दिल दुखाने से कोई फायदा है क्या इश्क़ वालो का ये फलसफा है क्या इतनी भीड़ यहाँ क्यों जमा है हुआ यहां पर कोई हादसा है क्या हमसे क्यों तुम बेझिझक नही मिलते हमारे दरमियान कोई फैसला है क्या कब्र में दफ़्न हुए और जन्नत पहुचे इधर से भी कोई रास्ता है क्या ज़िन्दगी से नफरत है तो मर क्यों नही जाते इस बारे में कोई इतना सोचता है क्या सर झुकाऊँ और उसे सजदे करूँ वो इस दुनिया का नया ख़ुदा है क्या ये मुझे रास्ते में पड़ा मिल गया है ये टुटा हुआ दिल आपका है क्या यहां तो मौजूद है हर किस्म के सितारे तुम्हारा घर कोई कहकशां है क्या नसीहत आप खुद को क्यों नही करते खुद से बेहतर भी कोई सोचता है क्या दिलशाद बेताब
Hafi be like- कहा फसा दिया आपने रेहान भाई, झेलना मुश्किल है। रेहान साहब लिस्ट मुझसे ले लो लेकिन ऐसे c को फिर कभी न बुलाना प्लीज 🙏 फैज़ खलीलाबादी, शाहिद जमाल वासिफ फारूकी आकाश अथर्व अनमेश अजल .............