पिता मुझे रात को बहुत सपने में आ रहा है तेरा हक है तेरा चेहरा पूरा मुझे सपने में रोज नींद में हरी तेरा चेहरा मुझे ऐसे ही दिखाई दे रहा है अंधेरे में मुझे ठुकरा दिया तूने गम और मेरे से बात नहीं करते एक आई लव यू नहीं बोलती है मेरे को सभी पत्थर हो गए क्या तू और मैं कितना मेरा को निकाल रहा हूं तेरा समझती नहीं थोड़ा भी इंसान के सबसे कुछ भी नहीं समझते इसलिए फोन क्यों नहीं मां के हाथ में दे