जी यह थंबनेल में दोनो फोटो एक ही खेत की है जो 80 सालों से बंजर पड़ी थी। पहली बार में ही उगाव हो गया और गेहूँ भी हो गई। किसान ने 80 सालों में पहली बार उत्पादन लिया था जमीन में।
नहीं एक बार। यह सिर्फ जो जमीने सालों से बंजर पड़ी है शोरे के कारण और वहां घास भी नहीं उगता है उनके लिए है। पहली बार में 150 किलो पर्याप्त है। उसके बाद सारा प्रोसेस पूरा हो जाए तो फसल की बीजाई करें। ओर उससे अगली फसल की बिजाई के समय आंकलन करे। कि कितनी कमी है। उस हिसाब से आगे की कार्रवाई करें।
Itna time nahi h khare pani ka dhan lagana h ish leye aap bataye k dhan lageny ke liye jo Pani lagana h ish me y sab dal kar dhan ki rupai kar saktey h kya
दे सकते हैं। गन्ने की मोटाई और मिठास बढ़ेगी। गिरने की समस्या का कुछ हद्द तक समाधान होगा। वेसे आप जमीन में किसी कमी के कारण प्रयोग करना चाहते हैं या सिर्फ उत्पादन बढाने के लिए। लिखना सम्भव नही है इसलिए आप सुबह 8/8:30 पर फोन कर लेना।
अगर आपकी जमीन की पीएच ज्यादा है या मैग्नीशियम या क्लोराइड की कमी हो तो बिल्कुल प्रयोग कर सकते हैं। यह जमीन की पीएच को कम करने के लिए काम आता है। फसल चाहे जिसकी बिजाई करो। सिर्फ इतना ध्यान रखना हे जिस फसल में हम युरिया का प्रयोग नहीं कर सकते जैसे भींडी वहां हमे इसका कम मात्रा में कई बार प्रयोग करना है।
यह बिल्कुल बंजर पड़ी जमीनों के लिए है जो सालों से बंजर पड़ी है और पानी लगाने के बाद भी उनमें उगाव नहीं होता। बाकी जिन जमीनों में थोड़ा बहुत उगाव होता है। उनको इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं है। फसल को लगाने वाले पानी से ही काम चल जाएगा।