अभी तक आपने सीएनजी यानी (Compressed Natural Gas) को गैस स्टेशन पर ही देखा होगा। आप चाहे तो इसका बायो वर्जन मतलब Compressed #BioGas या सीबीजी को अपने गांव में भी बना सकते हैं। इसके लिए बस चाहिए थोड़ी सी #entrepreneur वाली सोच।
1. सीबीजी प्लांट बनाने के लिए कितने जमीन की आवश्यकता होगी?
बायो सी एन जी या सीबीजी आप अपने घर या खेत-खलिहान में भी बना सकते हैं। इसके लिए आपके पास दो से तीन एकड़ जमीन होनी चाहिए। वहां आप हर रोज 100 टन तक Agriculture Wasteको प्रोसेस कर सकते हैं। इससे आप सीबीजी तो बनाएंगे ही, वहां खाद बायो फर्टिलाइजर भी बनेगा और भारी मात्रा में स्लरी का उत्पादन होगा। ये सब बाई प्रोडक्ट भी हाथों-हाथ बिकते हैं।
2. इस प्लांट को लगाने के लिए कितने निवेश की आवश्यकता होगी?
सीबीजी, बायोडीजल, ईवी चार्जिंग और बायो कोल क्षेत्र की कंपनी Nexgen Energia Limitedके सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दिनेश महाजन का कहना है कि हर रोज 100 टन Agriculture Wasteको प्रोसेस करने के Plant में करीब 10 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इतनी राशि के निवेश के बावजूद इस प्लांट में इतनी आमदनी होगी कि तीन साल में आपकी फैक्ट्री की लागत निकल जाएगी।
बायो मिथेनेशन प्रक्रिया
जैविक कचरे को ऑक्सीजन केAbsence में लगभग 25 दिनों तक decomposition #process से गुजरना पड़ता है। इस process को Bio Methanation Process कहा जाता है, जिसमें micro-organisms का बहुत बड़ा योगदान होता है तथा यह micro-organisms एक controlled temperature पर biological decomposition process को पूर्ण करते हैं। इस Processमें energy के रूप में बायो गैस का उत्पादन होता है। जिसे digester tanks के ऊपरी हिस्सों में इकट्ठा किया जाता है जहां से इसे गैस पाइपलाइन द्वारा बहुत बड़े स्टोरेज गुब्बारों में संग्रहित किया जाता है।
• गैस purification एवं upgrade process
बायोगैस बलून में store किए गए गैस को purification एवं upgrade plant में भेजा जाता है, जहां पर इसे VPSA तकनीक का प्रयोग कर Pure एवं इसका upgrade किया जाता हैं। गैस purification process के बाद इस गैस को बायो सीएनजी कहा जाता है। जिसमें मीथेन गैस 90 से 96 प्रतिशत हो जाता हैं। प्लांट से प्रतिदिन लगभग 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सीएनजी का उत्पादन किया जा सकता है । जिसका उपयोग सिटी बसों में ईंधन के रूप में किया जा सकता है। इस प्लांट से लगभग 400 सिटी बसों एवं 1500 छोटे वाहनों में बायो ईंधन की पूर्ति की जा सकती है। जिससे environmental standards upgrade होगा।
अब इस बिजनेस को आप शुरु करना चाहते है तो ............
• सब्सिडी भी मिलेगी?
सीबीजी प्लांट बनाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी मिलती है। इस पर केंद्र सरकार की तरफ से सीबीजी की उत्पादन क्षमता के आधार पर सब्सिडी मिलती है। इस समय केंद्र सरकार प्रति क्यूबिक मीटर गैस करीब 4,200 रुपये की सब्सिडी देती है। इसके अलावा राज्य सरकार भी सब्सिडी देती है। यदि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सब्सिडी मिला दी जाए तो यह कुल परियोजना राशि का 40 फीसदी तक बैठ जाता है।
• आयकर में कोई छूट मिलेगी?
जी हां, कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) के प्रोडक्शन यूनिट की आमदनी पर आयकर कानून में विशेष छूट का प्रावधान है। आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजे में इस बात का प्रावधान है। इस कानून के तहत सीबीजी प्रोडक्शन प्लांट से होने वाली आमदनी पर लगातार पांच वर्षों तक आयकर से छूट मिलेगी।
• हर महीने कितने की होगी आमदनी?
मान लिया जाए कि आपने हर रोज 100 टन एग्रीकल्चर वेस्ट को प्रोसेस करने वाला प्लांट लगाया है। इस प्लांट में हर महीने 90 हजार किलो सीबीजी, छह लाख किलो बायो फर्टिलाइजर (Bio Fertilizer) और 15 लाख लीटर लिक्विड स्लरी (Liquid Slurry) का उत्पादन होगा। इन तीनों को बेचने से हर महीने की कुल आमदनी करीब 51 लाख रुपये की होगी। इस प्रोडक्शन के लिए कर्मचारियों को दिया गया वेतन, बिजली बिल, मेंटनेंस बिल आदि पर हर महीने 25.41 लाख रुपये का खर्च होगा मतलब कि प्लांट लगाने वाले को हर महीने 25 लाख रुपये से भी ज्यादा का रिटर्न मिलेगा।
• इन प्रोडक्ट का खरीदार कौन होगा?
सीबीजी, का खरीदार वह होंगे जो सीएनजी से मोटर वाहन या अन्य उपकरण चलाते हैं। इस गैस की बड़ी मांग है क्योंकि सीएनजी के मुकाबले सीबीजी बेहतर गैस माना जाता है। दरअसल, कूड़े कचरे से बनाई गई सीबीजी किसी गैस स्टेशन पर मिलने वाली सीएनजी से भी बेहतर होती है। ऐसा इसलिए कि सीबीजी में 95 फीसदी मिथेन होता है, जबकि सीएनजी में मिथेन की मात्रा 90 फीसदी ही होती है। इसलिए सीबीजी से चलने वाले वाहनों का माइलेज 5 से 10 फीसदी तक बढ़ जाता है।
• यदि प्रोडक्ट नहीं बिका तो क्या होगा?
कुछ कंपनियां entrepreneurको न सिर्फ सीबीजी प्लांट लगाने में मदद करती है बल्कि उनका प्रोडक्ट भी बायबैक कर लेती हैं। उदाहरण के लिए नेक्सजेन एनर्जिया लिमिटेड अपने भागीदारों से सीबीजी 37 रुपये प्रति किलो खरीद लेती है। बायो फर्टिलाइजर का बायबैक रेट ढ़ाई रुपये किलो है जबकि स्लरी का प्रति लीटर रेट 20 पैसे है। हमने ऊपर जो आमदनी और मुनाफे का जिक्र किया है, उसकी गणना इसी बायबैक रेट पर की गई है। यदि आप खुद ही किसानों को बायो फर्टिलाइजर बेचेंगे तो उसकी कीमत कुछ ज्यादा ही मिलेगी।
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22 июл 2022