दोस्तों आज क्या नहीं है आपके पास अच्छे कपडे , अच्छा खाना , अच्छा घर पर कभी आपने सोचा है कि आपके उलट एक और दुनिया है उन बच्चो कि जिनके पास न तो अच्छा घर है न ही अच्छा खाना , न कपडे और न ही किताबे पर फिर भी वही बच्चे आईएएस , डॉक्टर , इंजीनियर आदि के सपने संजोते हैं और हर मुश्किलों से लड़कर उन्हें पूरा करते हैं ….ऐसे ही एक शख्स की दास्ताँ मैं आज आपको बताता हूँ ………….
बनारस के गलियों में खेलते हुए अपने एक दोस्त के साथ उसके घर चले जाने पर उसके पिता ने उस लड़के को घर के बाहर निकालते हुए कहा था की तुम्हारी हिंम्मत कैसे हुई हमारे घर में आने की ….सिर्फ इसलिए क्युकि वो लड़का एक रिक्शे वाले का लड़का था और वो सज्जन एक संपन्न परिवार से थे ……..वो बात उस लड़के को उस वक़्त समझ में नहीं आई क्युकि उसकी उम्र मात्र 11 -12 वर्ष ही थी ! एक दिन एक सज्जन से उस लड़के ने ये बात पूछ ही डाली .उन्होंने कहा की बेटा तुम्हारा जो कार्य या background है उसक कारण उन्होंने ऐसा कहा …सज्जन ने भी जवाब उसे नादाँ समझ कर ही दिया था …..पर लड़के ने तुरंत दूसरा सवाल किया ….background कैसे बदलते हैं ? …सज्जन ने कहा background या तो आपके पिता की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन बदल सकते हैं या फिर तुम कोई उच्च पद हासिल कर लो तो !!! ………इस देश की सर्वोच्च सर्विस कौन सी है ? बच्चे के सवाल में दर्द और हौसला साफ साफ झलक रहा था ………बेटा अगर तुम आईएएस बन जाओ तो उससे बड़ी सर्विस नहीं है …….और दोस्तों यही से शुरू हुआ उस लड़के का संघर्ष का सफर ….जिस उम्र में हम लोग डॉक्टर , इंजीनियर बनने के सपने मजाक में देखते हैं उसी उम्र में उस लड़के आईएएस बनने का संकल्प ले डाला ….और यही अपमान उसकी जिंदगी का turning point बना ……
6 фев 2017