अशोक गुर्जर धौलपुर राजस्थान बहुत ही सुंदर कथा महाराज जी नोट हमारे भारत देश में कथा वाचक बहुत है लेकिन आप जैसे नहीं है आप जैसे होते तो लगभग कुछ देश का कल्याण हो जाता जय सिया राम जय सिया राम
महराज जी आपको नमन है,दिल से आपके वाणी में ओह जादू है। जिसे केवल मालिक जाने अच्छाई कही छिपत्ति नही मालिक हम तो आपके बनाये हुए एक माटी का खिलौना है।सबका मालिकनेक है ।।।