यही कारण है कि 'जय सिया राम', 'जय श्री राम' , 'सियावर राम चंद्र की जय', 'पार्वतीपतये नमः', 'उमामहेश्वराभ्यां नम:', कहा जाता है. श्री के साथ भगवान विष्णु के रहने के कारण ही उन्हें श्रीमान या श्रीपति कहा जाता हैसिया राम' अनादि काल से ग्रामीण इलाकों में स्वागत का एक लोकप्रिय अभिवादन था अभी भी जय श्री राम या जय सियाराम के अभिवादन व नारे लगते हैं, यहाँ राम से पहले श्री लगाकर माता सीता को यानी स्त्री जाति को सम्मान दिया है, क्योंकि श्री का मतलब माता लक्ष्मी स्वरुपा सीता होती हैं ,वैसे ही श्री कृष्णा नाम में श्री का अर्थ माता ...
22 июн 2024