Jain Kshamapna Song - क्षमापना गीत | "पर्व पर्युषण की महिमा अपार" - Lyrical
Special Michhami Dukkadam kshamapana song written and sing by Varsha Jain on the occasion of Samvatsari, Paryushan Mahaparva.
जैन क्षमापर्व जैन धर्म के महत्वपूर्ण भाग में से एक हैं, जो क्षमा और समझौते की महत्वपूर्ण भावना को दर्शाते हैं। क्षमा और माफी की भावना जैन धर्म में महत्वपूर्ण है, और इसका मतलब है कि व्यक्ति को दूसरों के प्रति क्रोध और विरोध की जगह समझौता और क्षमा की भावना रखनी चाहिए। क्षमा और माफी की भावना को अद्भुत तरीके से जैन क्षमापना गीत में व्यक्त किया गया है, जिसे वर्षा जैन ने गाया हैं।
Song Credits -
Singer - Varsha Jain
Writer - Varsha Jain
Original Music - Anand-Milind
Please Like & Share as well as Subscribe to the channel for more such creative content by Varsha Jain
/ @varshajainsinger
Lyrics -
पर्व पर्युषण की महिमा अपार,
क्षमापना ही इस पर्व का सार,
करो क्षमा याचन, करो क्षमा दान,
जिनवर के चरणों में तन मन को रमाओ ,
ध्यान धरो भक्ति करो कर्म खापाओ ,
भवोभव की तृष्णा को दर्शन से मिटाओ ,
तप है करो त्याग करो सब जीव खमाओं ,
भव मानव का ये भाग्य से मिला ,
उस पर प्रभु का शरण है मिला,
अवसर ये भक्ति का आता है एक बार
करो उपकार प्रभु बैर सब मिटे
सबसे क्षमा याचना की भावना रहे
कर्म सभी जीवन में ऐसे में करू
किसी जीव को कोई दर्द न रहे
मांगते क्षमा हाथ जोड़कर
कर रहे नमन सर को झुकाकर,
अवसर ये क्षमा का आता है एक बार
#micchamidukkadam #MichhamiDukkadam #samvatsari #alochana #pratikraman #paryushan #paryushan2023 #ParyushanParv #ParamGurudev #Jainism #jains #Namramuni #BhagwanMahavir #MahavirSwami #Mahavir #Meditation #ParyushanPravachan #Parasdham
18 сен 2024