@@deepakmurmu925आशा और उम्मीद है, भारत आदिवासी पार्टी ,आदिवासियों की आवाज और मुद्दों को लेकर मैदान में लड़ रही है न कि कुर्सी और सत्ता के लिए। क्योंकि भारतीय लोकतंत्र में सांसदीय प्रणाली की व्यवस्था जनता की आवाज को बुलंदियों तक पहचाने के लिए ही किया गया है चाहे वह सत्ता में रहकर या विपक्ष में रहकर। हां यह बात अलग हो सकती है कि वह जीत कर क्या करेगा मालूम नही ! क्योंकि अपने ही अपनों को धोका देते हैं इसका यह मतलब नहीं की सबकोई धोका दें ! Congress और JMM ने आदिवासियों को Jharkhand में अपना हक और अधिकार नहीं दिया और वे सत्ता की मलाई खा रहें है । इसलिए इस बार अपना मत अपने BAP को Jamshedhpur लोकसभा सीट के लिए । BAP जिंदाबाद! जिंदाबाद!
@@VIJAYKUMARTUDU-ns1tb महाशय ये तो सटीक जबाव नहीं है । मैं तुम्हें एक उदहारण दे के अस्पष्ट रूप से अपनी बातों को रखने का प्रयत्न करता हूं ।.. परीक्षण के तौर पर तपती हुई धूप में एक कौवा और एक कबूतर को दो अलग अलग पिंजरों में डाला जाता है । और दोनों पिंजरों में एक एक पानी का सुराही (जिनका गला छोटा) रखा जाता है और साथ में कुछ कंकड़ पत्थर दाना रखा जाता है । सुराही में पानी बहुत कम दो लीटर जैसे रखा जाता है । नोट__ दोनों की गतिविधि एक दूसरे को नहीं देख सकती । कौवे ने सुराही में कंकड और पत्थर डाल कर अपनी प्यास को बुझाया और कबूतर प्यासी तड़पती मर गई। तो महाशय बताओ इसमें समझदार और मूर्ख (boka choda) कौन था ?...
@@VIJAYKUMARTUDU-ns1tbमहाशय आपने अस्पष्ट रूप से सही जवाब नहीं दिया । महाशय मैं अपनी बातों को स्पष्ट रूप से रखने का प्रयत्न करता हूं .. समय की बात है एक आदमी एक कौवे और कबूतर को पालता है। एक दिन वह उनदोनों की बुद्धिमता को परखने का प्रयास करता है । परीक्षण के तौर पर कुछ दिनों के लिए दोनों को तपती धूप में दो अलग अलग पिंजरों में रखता है । दोनो के पिंजरों के अन्दर एक एक पानी का सुराही (छोटी मुंह वाली) रखता है। जिसमें पानी की मात्रा बहुत कम होती है । और साथ में कंकड़ पत्थर और कुछ दाना रखती है। दोनों की गतिविधि एक दुसरे को ना देखे उसके लिए बीच में पर्दा लगा दिया जाता है । अंततः कुछ दिन पहचात वह आदमी उन दोनों को देखता है । कबूत्तर मर जाता है और कौवा जैसे का तैसे रहता है । तो महाशय बताओ इनमे से समझदार और मूर्ख (बोकाचोदा) कौन था ?
को की पांचवी अनुसूची क्षेत्र की अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोक सभा में विधानसभा सबसे बड़ी ग्राम सभा करने वाले कृष्णा हरदा द्वारा समर्थित आप पार्टी के उम्मीदवार सुकुमार सोरेन
Sukumar soren mp banana jaruri h sukumar soren jharkhand ke adiwasiyo ke liye bahut bar andolan kiye hn jharkhand ka cm bhi adiwasiyo ka savidhan kanun ka hak nakar chuke hn
क्या पेसा अधिनियम - 1996 आदिवासियों के Non legislative sources of law ( रूढ़ी प्रथा) के ऊपर लागू होता है??? क्या " पेसा अधिनियम - 1996 " The areas of customary practice ( प्रथागत प्रथा के क्षेत्रों ) में अनुच्छेद - 13 law की परिभाषा के तहत लागू होने की इजाजत देती हैं???
Sukumar ji ka sahi bilkul fir v unko chetabani diya ki agar jit jay to BJP, congress ya other bada party se hath na milaye. Kyu ki wo adivasi samaj sevi hai.
Jamshedpur General seat है दो पार्टी का vote bank( किला) है इनका मुद्दे से केवाल एक को नुकसान कर रहा समझा जा है किस तरह से सांसद जाना चाह रहा है या एक का पैर खीच रहा है।
Politics ke liye sab Jati and Dharm ka logong ko jorna chahiye tab party success hoga, baad mein Adivasi ko jyada preference do , bussiness ki tarah sabko joro .