❤ ममता की मूर्ति हमारी रह गई गोकुल धाम नगरी गोपी प्रेम वंदन प्रणाम सुप्रभात पूज्य जगदीश दादा भूल चूक हुई हो तो क्षमा माफ कीजिए गुरु यहाँ कोई अपना नहीं हैं भगवान सभी स्नेही जनो को ध्यान सत्य धर्म के साथ प्रेम दर्शन देता रहो पूज्य जगदीश दादा को वंदन प्रणाम