Kabir ke dohe जीवो जीवस्य भोजनम् | क्या मांसाहार पाप है | कबीर का १ दोहा Sahi gyaan disha motivation
मनुष्य को छोड़कर किसी भी प्राणी के लिये मांसाहार न पाप है न पुण्य!
लेकिन मनुष्य मांसाहारी प्राणियों से बिल्कुल अलग है। मांसाहारी प्राणियों की तरह न उसके दाँत और नाख़ून नुकीले हैं, ना ही वह पानी चाटकर पीता है, ना ही उसकी आँत सवा या ढेड़ मीटर की होती है।
वीडियो को अन्त देखकर विस्तारपूर्वक समझें कि मांसाहार क्या है? और अपने आत्मा की आवाज़ सुनें, जो जवाब मिले, उसे ही आचरण में लायें।
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26 авг 2024