@@dhabbikedarwhat he means is that the essence of the raag is beautifully captured in this simple composition. And doing this is much harder than creating a complex composition which doesn't portray the essence of the raag at its core at all.
@@jayaiyer1726 संगीत विद्वानों और आचार्यों मे मतभेद हो सकते हैं ऐसा प्राय: रागों के विश्लेषण मे पाया जाता है.. कभी कभी राग की चलन मतिभ्रम उत्पन्न करती हैं...
करम की गति न्यारी न्यारी, संतो। बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को, बन बन फिरत उधारी॥ उज्वल वरन दीन्ही बगलन को, कोयल लार दीन्ही कारी॥ और नदी पन जल निर्मल किन्ही, समुंदर कर दीन्ही खारी॥ मूर्ख को तुम राज दीयत हो, पंडित फिरत भिखारी॥ मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण राजा जी को कौन बिचारी Deer have large eyes but wander in the forest Cranes are white Sweet Koyal is black Small rivulets are sweet The magnanimous ocean salty Those lacking intellect rule Wise men are on the street Who cares for the king? Meera sings for true love
This is a Meera bhajan...so in this para Meerabai says that for her the Supreme Lord is Giridhar or Shri Krishna....so who cares for the king? Meera bhajans have a mix of many languages...read kaun bichari..kaun vichari....
मीराजीके पती राजाजी .. पर मीरा तो हमेशा गुरुका गुन गावत है .. इस अर्थ से .. कर्म की गती को देखो तो जानोगे की मीरा के पती राजा है फिरभी उनसे ज्यादा महत्त्व उनके गुरु का मीराबाईके जिंदगी मै हे .. इसके पीछे भी कर्म की न्यारी गति का ही हाथ है